Personal Finance
“Personal Finance की complete guide – Retirement planning, Health Insurance, Savings और Investment की strategies सीखें। अपने financial future को secure बनाने के लिए जरूरी tips और tricks जानें।”
पर्सनल फाइनेंस क्या है?
आज हम Personal Finance की तीन मुख्य बातें समझेंगे। एक, पर्सनल फाइनेंस क्या होता है। दो, पर्सनल फाइनेंस आपके लिए बहुत ज़्यादा ज़रूरी क्यों है। और तीसरा, पर्सनल फाइनेंस क्या बहुत ज़्यादा कॉम्प्लिकेटेड है समझने के लिए।
इस वीडियो के अंत तक मैं आपको ऐसे पांच तरीके भी बताऊँगी, ऐसे पांच स्ट्रेटेजीस भी बताऊँगी जिसे अपनाकर आप अपने पर्सनल फाइनेंस को स्ट्रॉन्ग बिल्ड कर सकते हैं और साथ ही अपने पर्सनल फाइनेंस को अच्छे तरीके से मैनेज करना सीख सकते हैं।
कोरोना महामारी का सबक
कोरोना महामारी के दौरान हमने बहुत से लोगों को देखा था जिन्होंने अपनी नौकरी खो दी थी। और साथ ही हमने ऐसे बहुत से फैमिलीज को देखा था जिनकी सेविंग्स ख़तम हो गयी थी।
और वहीँ दूसरी ओर हमने ऐसे फैमिलीज भी देखे हैं जिनके पास पर्याप्त सेविंग्स थी। तो यहाँ पे आपको डिफरेंस क्या दिख रहा है? मैं आपको बता दूँ इनमें जो डिफरेंस आया, इन दोनों फैमिलीज में जो डिफरेंस आया था, वो था केवल पर्सनल फाइनेंसेस की वजह से।
पर्सनल फाइनेंस की परिभाषा
अगर हम इसकी सिंपल डेफिनिशन को देखें तो पर्सनल फाइनेंस है मैनेजिंग योर मनी। यानी कि आप कैसे अपने पैसे को मैनेज करते हो। और साथ ही कैसे आप अपने फाइनेंशियल डिसीजन लेते हैं।
यानी कि आप कैसे बजटिंग करते हैं, कैसे इन्वेस्टिंग करते हैं, कैसे सेविंग्स करते हैं, एटसेट्रा। तो पर्सनल फाइनेंस बेसिकली सारे फाइनेंशियल आस्पेक्ट्स को कवर करता है की कैसे आप अपने फाइनेंशियल डिसीजन लेते हैं और साथ ही कैसे आप अपनी फैमिलीज को फाइनेंशियली स्टेबल रखते हैं। Personal Finance
एक आसान उदाहरण
मान लेते हैं की आपकी जो मंथली इनकम है वो 50,000 है। और यहाँ पे आपका जो एक्सपेंस है वो 30,000 का है पर मंथ। और आपके पास आखिर में बचता है 20,000 रुपीस जो आपकी सेविंग्स है एवरी मंथ।
तो अब पर्सनल फाइनेंस को समझें तो यह 20,000 जो आपकी सेविंग्स बच गयी है, तो इसे आप कैसे इन्वेस्ट करते हैं, इसे कैसे सेव करके ऐसे अवेन्यूज में इन्वेस्ट करते हैं जहाँ पे आपका पैसा डबल हो सकता है इन फ्यूचर, यह होता है पर्सनल फाइनेंस।
खर्चों का अनुकूलन
पर्सनल फाइनेंस में आपको बता दूँ, यह भी होता है जहाँ आप अपने एक्सपेंसेस को ऑप्टिमाइज़ कर सकें। यानी कि आप कैसे अपने एक्सपेंसेस का फायदा उठा सकें, कैसे अपने एक्सपेंसेस को इफेक्टिव बना सकें, उसे यूज़फुल बना सकें।
और साथ ही मैं आपको यह बता दूँ की पर्सनल फाइनेंस यह भी होता है जहाँ आप अपने अनएक्सपेक्टेड और अननेसेसरी एक्सपेंसेस को हैंडल करते हैं।
अनपेक्षित खर्चे
जब मैं बोलती हूँ अनएक्सपेक्टेड, तो यहाँ पे इसका मतलब यह है की मान लेते हैं कि आपकी फॅमिली में किसी तरह का इमरजेंसी हो गयी और उसके लिए आपको पैसों की ज़रूरत हो गयी।
मान लेते हैं आप किसी तरह का मेडिकल इमरजेंसी है। मान लेते हैं आपको फॅमिली टूर पे जाना है, जो अनप्लान्ड था और आल ऑफ़ अ सडन आपको जाना है, उसके लिए आपको पैसे चाहिए। मान लेते हैं आपके घर पे कुछ हो गया है, रेनोवेशन करना है, उसके लिए आपको एक्सपेंस चाहिए। Personal Finance
अनावश्यक खर्चे
अननेसेसरी एक्सपेंस का मतलब यह है की जैसे की मैंने आपको एग्जांपल में बताया, हर महीने आपका एक्सपेंस है 30,000 रुपीस। तो यह एक्सपेंस आपका हो सकता है रेंट के लिए, यह एक्सपेंस आपका हो सकता है आपको राशन लेना है, आपका हो सकता है आपको किसी तरह का EMI भरना है, या फिर आपको स्कूल फीस भरना है।
और जब हम अननेसेसरी एक्सपेंस बोलते हैं, मान लेते हैं यह 30,000 में, लेट्स से 25,000 ही आपका जेन्युइन एक्सपेंस है और बाकी के जो 5,000 हैं वो अननेसेसरी आप स्पेंड कर रहे हैं। आप पार्टी में जाके स्पेंड कर रहे हैं, आप अननेसेसरी शॉपिंग करते हैं, उसके लिए आपके पैसे खर्च हो जाते हैं। Personal Finance
आय बढ़ाना
और साथ ही आप कैसे अपने इनकम को ओवर अ पीरियड ऑफ़ टाइम इनक्रीस कर सकें। तो यह भी एक पर्सनल फाइनेंस का ही एरिया है।
हमने हमेशा लोगों को यह बोला है की आप एक स्ट्रीम ऑफ़ इनकम जो है उस पर निर्भर न करें। आप हमेशा अपने लिए पैसिव इनकम सोर्सेज भी ढूंढें क्योंकि आजकल, आज का जो खर्च देखें, आज का अगर हम इन्फ्लेशन रेट देखें, आप कैसे महंगाई दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है।
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पर्सनल फाइनेंस के पांच क्षेत्र
अगर हम इन ब्रीफ समझें कि यह पर्सनल फाइनेंस आखिर होता क्या है, तो इसके लिए आपको पांच एरियाज ऑफ़ पर्सनल फाइनेंस, इसको समझना होगा।
1. आय (Income)
सबसे पहला यहाँ पे एरिया आएगा आपका इनकम। जैसे मैंने आपको बोला हमेशा आपको डिफरेंट सोर्स ऑफ़ इनकम को देखना होगा। यहाँ पे आपका इनकम हो सकता है योर इनफ्लो ऑफ़ कॅश।
यहाँ पे आपका हो सकता है सैलरी, यहाँ पे हो सकता है आपका इन्वेस्टेड अमाउंट और जो रिटर्न्स आपको मिल रहे हैं वो, हो सकता है आपका रेंट। मे बी आपका एक घर है, उसपर आपको रेंट मिल रहा है, वो भी एक इनकम हो सकता है।
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2. खर्च (Spending)
सेकंड एरिया पर्सनल फाइनेंस का यह है जब आप स्पेंड करते हैं। जैसे कि मैंने कहा, जो मंथली एक्सपेंस आपका होगा। आपको रेंट भरना है, आपको इलेक्ट्रिसिटी बिल भरना है, आपको मॉर्टगेज, EMI है, उस पर भरना है, या फिर आपको बाहर खाना खाने जाना है, या फिर आपको अपना घर रीजुविनेट कराना है, या फिर आपको एंटरटेनमेंट मतलब सिनेमा देखने जाना है।
3. बचत (Savings)
तीसरा एरिया पर्सनल फाइनेंस का सेविंग्स होता है। सेविंग्स बेसिकली जो भी इनकम आपका है, उसमे कितना अमाउंट का आप सेविंग्स करते हो। जितना आपका एक्सपेंडिचर हो गया, उसके बाद कितना लेफ्ट आउट है, कितना बच गया, उसे हम सेविंग्स कहते हैं। Personal Finance
तो सेविंग्स आप अपने इमरजेंसी फण्ड तैयार करने के लिए भी यूज़ कर सकते हैं। आप अपने इन्वेस्टमेंट करने के लिए भी यूज़ कर सकते हैं और साथ ही किसी तरह का परचेस, यानी कुछ खरीदना है, उसके लिए भी आप अपने सेविंग्स का इस्तेमाल कर सकते हैं। Personal Finance
4. निवेश (Investment)
पर्सनल फाइनेंस का चौथा एरिया है इन्वेस्टमेंट। तो जितना भी आपका इनकम है, जितने भी सेविंग्स बच गए हैं, उसे आप कैसे इन्वेस्ट करते हैं, वो इन्वेस्टमेंट, कहाँ-कहाँ आप इन्वेस्ट करते हैं, वो हो गया एक एरिया।
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आप चाहें तो म्यूच्यूअल फंड्स में इन्वेस्ट कर सकते हैं, स्टॉक्स में इन्वेस्ट कर सकते हैं, बांड्स में इन्वेस्ट कर सकते हैं। बहुत सारी इन्वेस्टमेंट ऑप्शंस आजकल आपको मिल जाएंगे जहाँ से आप अपने रिटर्न्स को डबल कर सकते हैं और ओवर अ पीरियड ऑफ़ टाइम आप अपने एसेट्स बना सकते हैं।
5. सुरक्षा (Protection)
और पांचवां एरिया है, जो सबसे इम्पोर्टेंट है, वो है प्रोटेक्शन। यानी कि आप कैसे अपने अनएक्सपेक्टेड इवेंट्स को कवर करते हैं। कैसे आप अपने अनएक्सपेक्टेड फ्यूचर के लिए सेव करके रखते हैं।
मान लेते हैं किसी का एक्सीडेंट हो गया, मान लेते हैं कोई किसी तरह का मेडिकल इमरजेंसी आ जाता है आपके घर में, तो इसके लिए आप कितने प्रोटेक्टेड हैं, कितने सिक्योर्ड हैं फाइनेंशियली, वो भी डिपेंड करता है।
पर्सनल फाइनेंस क्यों जरूरी है?
पर्सनल फाइनेंस न केवल आपके दिन-प्रतिदिन के फाइनेंशियल जो नीड्स हैं उसको पूरा करती है, बल्कि आपके फाइनेंशियल फ्यूचर को भी सुधारने के लिए बहुत ज़्यादा महत्वपूर्ण है।
तो जितनी जल्दी आप पर्सनल फाइनेंस को समझ सकें, उसको इम्प्लीमेंट कर सकें, उतना ही अच्छा आपके लिए हो सकता है इन फ्यूचर।
पर्सनल फाइनेंस के बारे में जानकारी होना इसीलिए भी ज़रूरी है ताकि आप अपने ड्रीम्स जो हैं, किसी भी तरह के फाइनेंशियल डिफिकल्टीज के वजह से पूरा न कर पाएं। यानी की आप फाइनेंशियली सिक्योर्ड हो, फाइनेंशियली स्टेबल हो अपने ड्रीम्स को पूरा करने के लिए।
ऑटो ड्राइवर की कहानी
यहाँ पे मैं आपको एक शॉर्ट स्टोरी भी बता देती हूँ। तो एक ज़माने में एक ऑटो ड्राइवर ने एक इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदी थी। यहाँ पे मैं आपको बता दूँ, इंश्योरेंस पॉलिसी वालों ने उस ड्राइवर को यह बोलके इंश्योरेंस पॉलिसी बेच दिया कि उसे सिर्फ ₹30,000 भरने हैं और आगे 3 साल बाद उसे ₹3 लाख रिटर्न मिलेगा।
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बहुत से ऐसे लोगों को लगता है कि इंश्योरेंस खरीदना एक तरह का इन्वेस्टमेंट होता है। पर मैं आपको यह बता दूँ, यह बहुत ही गलत थॉट है, बहुत ही गलत जानकारी है जहाँ पे लोगों को लगता है की इंश्योरेंस खरीदना एक इन्वेस्टमेंट होता है, एक निवेश होता है।
धोखाधड़ी से बचाव
तो पर्सनल फाइनेंस के बारे में जानना इसीलिए भी इम्पोर्टेंट है ताकि आप किसी भी कंपनी से ठग न जाओ। आप अपने पैसे ऐसे जगह न इन्वेस्ट करो, न निवेश करो जहाँ पे आपको रिटर्न्स जो हैं कभी मिले ही न या फिर आपको झूठ बोलके, फ्रॉड करके आपके पैसे आपसे लिए जाएं। Personal Finance
इंश्योरेंस की सही जानकारी
आजकल बहुत लोग आपको सजेस्ट करेंगे की अगर आपको इन्वेस्टेड रहना है तो आप इंश्योरेंस खरीद लें। पर यहाँ पे आपको यह बता दूँ अगर आपको इंश्योरेंस की नॉलेज नहीं है, अगर आपको पता नहीं है की टर्म इंश्योरेंस क्या होता है और मैं उसमे क्यों इन्वेस्ट करूँ, या फिर एंडोमेंट प्लान क्या होता है और उसमे क्यों इन्वेस्ट करूँ, अगर आपको इतनी डिटेल्ड नॉलेज नहीं है, तब जाके आप गलत इंश्योरेंस पॉलिसी या गलत इंश्योरेंस प्लान में इन्वेस्ट न करें।
पर्सनल फाइनेंस के अन्य फायदे
अगला आपको रीज़न यह दूँगी ताकि आप अपने फॅमिली को सिक्योर कर सको। अपने फॅमिली को सिक्योर करना आखिर कौन नहीं चाहता? आजकल हम कमाते हैं ताकि हमारी फॅमिली आगे चलकर सिक्योर रहे, फाइनेंशियली स्टेबल रहे और उन्हें किसी भी तरह की तकलीफ न हो।
दूसरा रीज़न मैं आपको यह भी दूँगी की आप अपने सेविंग्स ओवर अ पीरियड ऑफ़ टाइम भी बढ़ा सकते हैं। अगर आपको इन्वेस्टमेंट के बारे में सही नॉलेज है, सही ज्ञान है आपको, और कहाँ आपको सेविंग्स करनी चाहिए और कितना आपको रिटर्न्स मिल रहा है, इस सब का आपको नॉलेज है, तब जाके आपका जो सेविंग्स है ओवर अ पीरियड ऑफ़ टाइम बढ़ सकता है।
जीवन स्तर में सुधार
और एक रीज़न मैं यह बता दूँ, अगर आपको पर्सनल फाइनेंस का ज्ञान है तो यह आपका जो लिविंग, स्टैंडर्ड ऑफ़ लिविंग है वो बेटर कर सकता है।
वैसे कहा जाता है की 90% ऑफ़ पीपल आर नॉट फाइनेंशियली लिटरेट। हम सारे एजुकेटेड तो हैं, पर क्या हम फाइनेंशियली लिटरेट हैं? यह एक मेजर क्वेश्चन है जो हमको अपने आप से पूछना चाहिए।
क्या आपको पता है की आपके पैसे कैसे डबल हो सकते हैं? क्या आपको पता है की आपके पैसे कहाँ जा रहे हैं, कहाँ वेस्ट हो रहे हैं, कहाँ स्पेंड हो रहे हैं? इसका नॉलेज हमें ज़रूर होना चाहिए।
पर्सनल फाइनेंस की रणनीतियां
तो आगे बढ़ते हुए मैं अब आपको कुछ टिप्स दे देती हूँ ताकि आप अपने पर्सनल फाइनेंस को स्ट्रेटेजाईज़ कर सकें। अगर अभी तक आपने अपना फाइनेंशियल प्लानिंग स्टार्ट नहीं किया है, तो सबसे पहले मैं आपको यह बोलूँगी की आप अपना फाइनेंशियल जो प्लान है, शुरू कर दें।
1. बजट तैयार करें
सबसे पहला टिप यहाँ पे मैं आपको यह दूँगी कि आप अपने लिए एक बजट तैयार कर दें। तो यहाँ पे बजट का मतलब क्या है? बजट का मतलब यह की आप जो है अपने एनफ सेविंग्स कर सको ताकि आप जो लॉन्ग-टर्म गोल्स, अपने फाइनेंशियल गोल्स हैं, आप उसे कवर कर सको, उसे पूरा कर सको।
50-30-20 नियम
तो यहाँ पे मैं आपको सजेस्ट करूँगी कि आप 50-30-20 रूल को इम्प्लीमेंट करें। यह बहुत ही अच्छा बजटिंग फार्मूला है जो आप इम्प्लीमेंट कर सकते हैं।
तो यहाँ पे यह 50-30-20 रूल आखिर होता क्या है? इसका मतलब यह है की आप 50% ऑफ़ योर इनकम, जो आफ्टर-टैक्स जो इनकम बच जाती है आपकी मंथली, यानी की आपने टैक्स-वैक्स भर दिया, आपका जो जितना भी सेविंग्स है, वो आपने नीड्स के लिए आप स्पेंड करें।
अगला जो 30% है, आप अपने वांट्स के लिए स्पेंड करें। और अगला, जो बच गया 20% है, वो आप सेव कर दें, या फिर किसी भी तरह का डेब्ट है आपके पास, यानी किसी भी तरह का लोन है, क़र्ज़ है आपके ऊपर, तो उसे आप चुकता कर दें।
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2. इमरजेंसी फंड बनाएं
दूसरा स्ट्रेटेजी मैं आपको यह बोलूँगी की आप सबसे पहले अपने लिए इमरजेंसी फण्ड तैयार करें। वैसे कहा जाता है की ‘पे योरसेल्फ फर्स्ट’। इसका मतलब यह है कि जब भी आप इन्वेस्टमेंट कर रहे हैं, उससे पहले आप सेव करें।
उससे पहले आप इमरजेंसी फण्ड बनाएं। इमरजेंसी फण्ड का बेसिकली मतलब यह होता है की अगले 6 महीने तक जितना भी आपका लिविंग एक्सपेंसेस है, उतना पैसा आपके बैंक अकाउंट में ऑलरेडी होना चाहिए ताकि आप अनएक्सपेक्टेड जो एक्सपेंसेस हैं, उसको फिल अप कर सकें।
3. रिटायरमेंट प्लानिंग
तीसरा है अपने रिटायरमेंट के लिए प्लान करें और साथ ही सेव करें। बहुत लोगों को लगता है की रिटायरमेंट तो 50 साल बाद है, 30 साल बाद है, 20 साल बाद है और बहुत दूर है, उसके लिए मैं अभी से अपना माथाफोड़ी क्यों करूँ।
तो यहाँ पे मैं आपको बता दूँ, रिटायरमेंट प्लानिंग इस वेरी मच इम्पोर्टेंट। जितना इम्पोर्टेंट आपके लिए फाइनेंशियल प्लानिंग है, उतना ही इम्पोर्टेंट आपका रिटायरमेंट प्लानिंग भी है क्योंकि आगे चलकर आपको नहीं पता की कितना इन्फ्लेशन बढ़ जाएगा और कितना आपके पॉकेट से पैसे जाएंगे।
4. हेल्थ इंश्योरेंस
हेल्थ इंश्योरेंस की महत्ता अगला है, कीप योर हेल्थ इंश्योर्ड। बोलते हैं ना, हेल्थ इस वेल्थ। और कोविड महामारी के दौरान हमने सब देख लिया है कि कितना ज्यादा इम्पोर्टेंट है हमारा हेल्थ ओवर आवर वेल्थ। अगर आपकी हेल्थ अच्छी नहीं है तो आप वेल्थ कहाँ से कमाएंगे?
इंश्योरेंस स्कीम्स तो इसके लिए जरूरी है कि आप अपने हेल्थ को इंश्योर करें। बहुत से ऐसे इंश्योरेंस स्कीम्स हैं जहाँ पे आप इन्वेस्ट कर सकते हैं।
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इंश्योरेंस प्लान की सावधानियां और यहाँ पे ध्यान दें कि आप किसी ट्रैप में न फंसे। यानी कि जब भी आप कोई इंश्योरेंस प्लान खरीद रहे हैं तो उससे पहले अच्छे से पढ़ लें, टर्म्स एंड कंडीशंस पढ़ लें, जान लें कि कितना आपको पे करना पड़ेगा प्रीमियम और कितना रिटर्न्स मिलेगा, और कितने साल बाद मिलेगा और कैसे मिलेगा। Personal Finance
सही जानकारी के साथ निर्णय अगर यह सारे डिटेल्स हैं आपके पास, तभी आप उस इंश्योरेंस प्लान में इन्वेस्ट करें, उसे खरीदें और अपने हेल्थ को इंश्योर कर सकें।
सेविंग और इन्वेस्टमेंट और आखिर में आता है, सेव एंड इन्वेस्ट। मैं आपको बता दूँ, सेविंग एंड इन्वेस्टिंग इस द फाइनेंशियल फाउंडेशन। अगर आप सेव नहीं करते हैं, अगर आप इन्वेस्ट नहीं करते हैं तो आप अपने फ्यूचर को फाइनेंशियली सिक्योर नहीं कर पाएंगे।#Personal Finance
सेविंग शुरू करने की जरूरत तो इसीलिए जरूरी है कि अभी तक अगर आपने सेव करना स्टार्ट नहीं किया है तो सबसे पहले अपने लिए सेव करें, अपने लिए इमरजेंसी फण्ड बनाएं, और आगे चलकर अगर आपके पास एक्सेस अमाउंट आ जाता है, अगर आपके पास एक्स्ट्रा पैसा है बैंक अकाउंट में तो उसे इन्वेस्ट करें क्योंकि इन्वेस्टमेंट के जरिये ही आप अपने पैसे को डबल कर सकते हैं।
वीडियो का निष्कर्ष तो इस पूरे पैराग्राफ से आशा करती हूँ कि आपको समझ आ गया होगा कि पर्सनल फाइनेंस होता क्या है, और क्यों आपके लिए पर्सनल फाइनेंस जरूरी है, और कौन-कौन से स्ट्रेटेजीस हैं जो आप इम्प्लीमेंट कर सकते हैं ताकि आप अपने पर्सनल फाइनेंस को अच्छे से मैनेज कर सकें।#Personal Finance