MOTIVATIONAL STORY
“प्रेरणादायक कहानी: #Motivational Story संघर्षों पर विजय पाने, खुद पर विश्वास रखने और सफलता पाने की एक प्रेरक कहानी। इस शक्तिशाली कथा से अपने अंदर का जोश जगाएं और महानता की ओर बढ़ें! 💪 #Motivational Story
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कहानी 1: राजा और उसका खज़ाना Motivational Story
किसी ने बड़े कमाल की बात कही है कि कोहरे से सिर्फ़ एक चीज़ सीखने को मिलती है कि ज़िंदगी में जब दूर का दिखाई देना बंद हो जाए तो एक-एक कदम चलते रहिए, रास्ता अपने आप खुल जाएगा। हाय गाइज़, मेरा नाम है आरजे कार्तिक। एक छोटी सी कहानी। ये कहानी है एक ऐसे राजा की जिसने गलत तरीके से, क्रूरता से, अपनी ही जनता का पैसा, अपनी ही जनता से धन, जवाहरात लूट करके एक अपना बड़ा सा खज़ाना बना लिया था।
राजा के सामने चिंता ये थी कि उस खज़ाने को कहाँ छुपाया जाए। तो उसने जंगल में, सुनसान जगह पर एक तहखाना बनवाया। उसकी चाबी सिर्फ़ दो लोगों के पास थी, उसका रास्ता सिर्फ़ दो लोगों को मालूम था। एक तो राजा और दूसरा उसका बहुत भरोसेमंद मंत्री। इन दोनों के पास में उसकी चाबी थी। राजा को लगता था कि कभी अगर मैं नहीं जा पाया, तो मंत्री को भेज करके एक बार चेक करवा लूँगा कि सब कुछ ठीक है, सब कुछ सुरक्षित है।
बीच-बीच में मंत्री को भेज दिया करता था, दौरा करके, चेक करके वो सारा आ जाता था कि हाँ जी, हाँ जी, वहाँ रखा हुआ है। कुछ और लूट लेते थे तो उसको भी वहाँ पहुँचा देते थे। कुल मिलाकर के वो जो तहखाना था, वो एक तरीके की अपनी एक जन्नत बन गई थी जिसमें बहुत सारा खज़ाना था, बहुत सारे हीरे-जवाहरात थे। ऐसे-ऐसे रत्न थे जिनके बारे में शायद दुनिया को भी मालूम नहीं था। #Motivational Story
एक बार राजा के मन में आया रात में कि एक काम करता हूँ, आज जाकर के एक बार खज़ाना देख कर के आता हूँ। सुबह-सुबह, सूर्योदय होने वाला था, उस वक़्त राजा घोड़े पर सवार होकर के चुपचाप अपने राजमहल से निकला और उस जगह पर पहुँच गया, उस जंगल में, सुनसान जगह पर जहाँ तहखाना था। उसकी चाबी राजा के पास थी, दरवाज़ा खोला। उसके बाद अंदर गया, जाकर के हीरे-जवाहरात देखने लगा और मंत्रमुग्ध हो गया। वो होता है ना कि सेल्फ़-ऑबसेशन होता है, अपने आप को सिकंदर मानने लगा। उसको लगा कि दुनिया में मुझसे अमीर कोई नहीं है। हीरों को देखने लगा, जवाहरात को देखने लगा, रत्न देखने लगा, आभूषणों को देखने लगा। इतना बिज़ी हो गया, खो गया। अपनी ही दुनिया में था, अपने ही ख्यालों में था। तभी कोइंसिडेंटली, वहाँ से वो मंत्री निकला जिसके पास में उस खज़ाने की, उस तहखाने की दूसरी चाबी थी।#Motivational Story
उसने देखा कि दरवाज़ा खुला हुआ था और वो डर गया। उसे लगा कि क्या पता शायद मैं एक-दो दिन पहले आया था चेक करने के लिए, तब शायद मुझसे गलती से दरवाज़ा खुला तो नहीं रह गया? डर के मारे फटाफट से जल्दी से उसने दरवाज़े को लॉक किया और वहाँ से चला गया राजमहल की तरफ़। राजा साहब अंदर मंत्रमुग्ध हो रहे थे हीरों में, जवाहरात में, आभूषणों में। जब उनका पेट भर गया, जब मन भर गया कि भई अब ठीक है, बहुत देख लिया, अब लगा कि चलो वापस चलते हैं महल की तरफ़। जब बाहर आने के लिए दरवाज़े के पास पहुँचा तो ये क्या, दरवाज़ा बंद था। बहुत कोशिश की लेकिन बाहर से लॉक हो गया था। चाबी थी लेकिन उस चाबी का होगा क्या? #Motivational Story
अंदर से दरवाज़ा पीटता रहा, आवाज़ देता रहा कि काश कोई सुन ले, मेरे लिए दरवाज़ा खोल दे। घंटों बीत गए, भूख लग रही थी, प्यास लग रही थी। क्या करता? राजा बस चिल्लाता जा रहा था। दरवाज़े के पास बहुत देर तक बैठा रहा, वापस आया अपने हीरे-जवाहरात के पास और उनसे कहने लगा कि ऐ नायाब हीरे, क्या मुझे एक घूँट पानी पिला दोगे? उन रत्नों को हाथ में लेकर कहने लगा कि मेरी मदद कर दो, मुझे भूख लगी है, दरवाज़ा खोल दो। राजा को ऐसा लग रहा था कि वो हीरे-जवाहरात भी उससे कह रहे थे कि ये तेरी ज़िंदगी भर की जो दौलत है, जो तूने गलत तरीके से कमा ली है, अपने तरीके से कमा ली है, इसको सारा यहाँ लाकर इकट्ठा कर दिया है, ये भी तेरी मदद नहीं करेगी। तुझे ना खाना देगी, ना पानी देगी। राजा भूख-प्यास में इतना कमज़ोर हो गया था वहाँ पड़ा-पड़ा कि बेहोश होकर के ज़मीन पर गिर गया। #Motivational Story
जब होश आया तो हालत खराब थी। ऐसा लग रहा था कि बस कुछ साँसें बची हैं। राजा ने फटाफट से एक हीरों का बक्सा था, उसमें से बहुत सारे हीरे बाहर निकाले, एक बिस्तर टाइप का बनाया, उस पर लेट गया और दुनिया को एक मैसेज देना चाहता था। जाते-जाते एक संदेश देना चाहता था, उसका मैसेज बड़ा सिंपल था। लेकिन लिखने के लिए वहाँ कुछ कलम तो थी नहीं, ना कोई पेंसिल थी, वो क्या करे? तो एक पत्थर दिखा, उससे अपनी ऊँगली तोड़ ली, खून बहने लगा। उस खून से दीवार पर कुछ लिख दिया और उसके बाद मर गया।#Motivational Story
यहाँ जो मंत्री था, वो अपनी सेना के साथ में राजा साहब को खोजने के लिए निकल चुके थे। बहुत दिनों से ढूँढ रहे थे, राजा साहब मिल नहीं रहे थे। बहुत कोशिश कर ली। मंत्री के मन में दूसरा ख्याल आया कि एक काम करते हैं, राजा तो पता नहीं कब मिलेगा, हो सकता है कि कहीं किसी वजह से मौत हो गई हो, किसी ने शिकार कर लिया हो, जंगल में कहीं गया हो। बहुत उल्टे-सीधे ख्याल आए। फिर मंत्री के मन में यही ख्याल आया कि एक काम करते हैं, वो खज़ाना जिसके बारे में मुझे पता है, उसे जाकर के देख आता हूँ। उसमें से कुछ अपने लिए लेकर के निकल लेता हूँ, राजा का तो अता-पता नहीं है। Motivational Story
मंत्री के पास तो दूसरी चाबी थी, मंत्री ने ही उस दरवाज़े को लॉक किया था। आया, चुपचाप से छिपते-छिपाते दरवाज़ा खोला और जब अंदर गया तो सुन्न रह गया। एक लाश पड़ी हुई थी हीरों की जो बिस्तर बनी थी, उस पर एक लाश पड़ी थी और वो लाश राजा की थी। दीवार पर कुछ लिखा था, दीवार पर खून से लिखा था कि मेरी ज़िंदगी भर की कीमत, ये दौलत, इतनी मेहनत करी, ये जो सारा मेरा खज़ाना था, मेरी ज़िंदगी भर की जो कमाई थी, वो मुझे मरते वक़्त एक घूँट पानी और एक निवाला नहीं दे सकी। Motivational Story
छोटी सी कहानी है लेकिन बहुत बड़ी बात सिखाती है। सबको मालूम है बचपन से कि हम अपने साथ कुछ नहीं लेकर के जाने वाले। ना कुछ लेकर के आए थे, ना कुछ लेकर के जाएँगे। सिर्फ़ अच्छे काम लेकर के जाएँगे, अच्छी दुआएँ जो हमारे साथ रहेंगी, जो हमारा जो मेन पर्पज़ है इस लाइफ़ में आने का, वही हमारे साथ में जाएगा। अगर कहीं से कुछ दुआ मिली तो वो हमारे काम आएगी और कुछ काम नहीं आने वाला। लेकिन फिर भी हम सिर्फ़ और सिर्फ़ इन्हीं चीज़ों के पीछे भाग रहे हैं, इतने मटेरियलिस्टिक हो गए हैं कि जो मेन पर्पज़ है उसे भूल चुके हैं। Motivational Story
कहानी 2: बुज़ुर्ग और नौजवान जोड़ा
किसी ने बड़े कमाल की बात कही है कि कोई भी व्यक्ति हमसे तीन वजहों से जुड़ता है। पहला भाव, दूसरा प्रभाव और तीसरा अभाव। हाय गाइज़, मेरा नाम है आरजे कार्तिक, एक छोटी सी कहानी। ये कहानी एक बुज़ुर्ग व्यक्ति की, जो रेलवे स्टेशन पर बैठे हुए थे, अपनी ट्रेन का इंतज़ार कर रहे थे, उनकी ट्रेन 15 मिनट लेट थी। वो एक पुस्तक पढ़ रहे थे। तभी वहाँ पर एक न्यूली वेड कपल आता है और वो पति-पत्नी आपस में बात कर रहे होते हैं, कह रहे होते हैं कि अरे अच्छा हुआ हम टाइम पर पहुँच गए, हमारी ट्रेन लेट है वरना तो हमारी ट्रेन मिस हो जाती। काफ़ी कुछ कह रहे होते हैं।#Motivational Story
पति जाकर के पानी की बोतल खरीदता है, फिर देखता है कि आसपास कहाँ बैठा जा सकता है। तो उसे दिखता है कि एक बेंच पर बुज़ुर्ग बैठे हैं, कुछ पढ़ रहे हैं, उनके पास में जगह खाली है। तो ये पति-पत्नी जाकर के वहाँ बैठ जाते हैं। पतिदेव को ज्ञान बघारने का शौक था, शेखी बघारने का शौक था। तो वो देखते हैं कि बुज़ुर्ग पढ़ क्या रहे हैं। तो गौर से देखता है तो मालूम चलता है कि बुज़ुर्ग जो थे वो हमारा पवित्र ग्रंथ रामायण पढ़ रहे होते हैं। तो ये उन्हें ज्ञान देने लगता है कि अरे अंकल जी, कहाँ आप अभी तक पुरानी बातों में अटके हुए हैं, कहाँ आप अभी भी ग्रंथ पढ़ रहे हैं? रामायण को इतनी बार हम टीवी पर देख चुके हैं, इतने सारे सीरियल्स बन चुके हैं, आप अभी भी उन्हीं पुरानी बातों में हैं? अगर आपको अपना ज्ञान बढ़ाना है, तो नई चीज़ें, दुनिया में इतने सारे आर्टिकल्स आते हैं, इतनी सारी वेबसाइट्स हैं, उन पर जाइए, नए-नए ऑथर्स हैं उनके बारे में पढ़िए, उनके आर्टिकल्स पढ़िए, इतनी सारी बुक्स आ चुकी हैं उन्हें पढ़िए। और अगर आपको देखने का शौक है तो इतनी सारी सीरीज़ हैं, इतनी सारी मूवीज़ अवेलेबल हैं, आजकल तो ओटीटी प्लेटफॉर्म्स हैं, वहाँ पर जाइए, वो देखिए। काफ़ी कुछ वो कह रहा होता है।
बुज़ुर्ग कुछ नहीं बोलते, मुस्कुरा रहे होते हैं और अपना जो पढ़ रहे थे, वो पढ़ रहे होते हैं। उसके बाद में अचानक से ट्रेन के हॉर्न बजने की आवाज़ आती है। ये लड़का अपना ज्ञान दे रहा होता है। ट्रेन प्लेटफॉर्म पर आ जाती है, बुज़ुर्ग उठते हैं, अपना बैग उठाते हैं, पीछे वाले दरवाज़े से ट्रेन में चढ़ जाते हैं। भीड़ होती है तो अगले वाले दरवाज़े से ये लड़का चढ़ जाता है। उसके बाद में ट्रेन एक मिनट के अंदर वहाँ से रवाना हो जाती है और दो मिनट के बाद में अफरा-तफरी मचती है, ट्रेन फिर से रुक जाती है, चेन-पुलिंग होती है। बुज़ुर्ग पूछते हैं कि क्या हो गया? तो कोई बताता है कि सर वो एक लड़का आगे जो चढ़ा था, उसकी पत्नी पीछे प्लेटफॉर्म पर छूट गई है। बुज़ुर्ग उतरते हैं, उस कोच से बाहर आते हैं, तो देखते हैं वो लड़का भागा जा रहा है अपनी पत्नी को लेने के लिए प्लेटफॉर्म पर।
जब वापस लेकर के आता है अपनी धर्मपत्नी को और वापस वो जब कोच में चढ़ता है, तो बुज़ुर्ग उससे कहते हैं कि बेटा, अब मैं आपको ज्ञान देना चाहता हूँ, अब मैं आपसे कुछ कहना चाहता हूँ। आपने मुझसे कहा कि मैं पवित्र ग्रंथ रामायण क्यों पढ़ रहा हूँ? ये तो पढ़ी-सुनी बातें हैं, हमने इतनी बार पढ़ लिया है, इतनी बार देख लिया है, मैं इसको क्यों पढ़ रहा हूँ? मैं इसको इसलिए पढ़ रहा था बेटा क्योंकि इससे हमेशा नया ज्ञान मिलता है और अगर आपने ये रामायण पढ़ी होती तो आपको मालूम होता कि जब भी कभी यात्रा करें अपनी फ़ैमिली के साथ में, अपने बच्चों के साथ में, पत्नी के साथ में, तो पहले उन्हें चढ़ाएँ, उसके बाद में खुद को चढ़ना चाहिए। रामायण में एक किस्सा है और ये वहाँ पर दोहा है। जब प्रभु श्रीराम रवाना होते हैं वनवास के लिए, अपने छोटे भाई लक्ष्मण के साथ में और माता सीता के साथ में, तो सबसे पहले रथ पर माता सीता को चढ़ाते हैं। “चढ़ी रथ सीय सहित दोउ भाई, चले हृदय अवधहि सिरु नाई।” और एक और इंसिडेंट आता है रामायण में।
जब वो नदी पार करने के लिए अपने परम मित्र केवट की नाव में चढ़ते हैं, तब भी वो माता सीता को पहले नाव में चढ़ाते हैं। “राम सखा तब नाव मंगाई, प्रिया चढ़ाई चढ़े रघुराई।” अगर आपने पढ़ी होती रामायण तो आपको ये बात मालूम होती, लेकिन आपने तो पढ़ी नहीं थी, इसीलिए आप पहले चढ़ गए, अपनी मैडम को प्लेटफॉर्म पर छोड़ दिया। छोटी सी कहानी, बहुत बड़ी बात सिखाती है। ज़िंदगी में हमेशा ग्रंथों को पढ़ते रहिए, काफ़ी कुछ सीखने को मिलेगा, आगे बढ़ने की शक्ति मिलेगी, रास्ता दिखेगा और याद रखिए जो हमारे पवित्र ग्रंथ हैं, ये हमारे जीने का आधार हैं। Motivational Story
कहानी 3: गाय और शेर
किसी ने बड़े कमाल की बात कही है कि अच्छी बातें कहने से ज़्यादा अच्छे काम करके दिखाओ, क्योंकि दुनिया सुनने से ज़्यादा देखना पसंद करती है। हाय गाइज़, मैं हूँ आरजे कार्तिक, एक छोटी सी कहानी और आज की कहानी सुनाने से पहले दो बातें आपसे कहना चाहता हूँ। पहली बात, लाइफ़ में खुद पर डिपेंड होना अच्छी बात है, डिपेंड रहना अच्छी बात है और दूसरी बात, ज़िंदगी में सिर्फ़ खुद पर ही डिपेंड रहना गलत बात भी है। एक बार एक गाय घास चरते-चरते कब जंगल में चली गई, उसे समझ नहीं आया। दोपहर होने को थी, धीरे-धीरे शाम होने वाली थी, वो रास्ता भटक चुकी थी, रास्ता ढूँढ रही थी। तभी उसे लगा कि कोई उसका पीछा कर रहा है। उसने धीरे से देखा तो पीछे शेर दबे पाँव आ रहा था, शिकार करने की तैयारी में था। अब गाय के पास में सिर्फ़ एक रास्ता था, गाय को सिर्फ़ जंगल के अंदर जाना था, जैसे ही पीछे मुड़ती उसका शिकार हो जाता। गाय चुपचाप धीरे-धीरे, धीरे-धीरे जंगल में अंदर जाने लगी। जंगल के बीचों-बीच में एक तालाब था।#Motivational Story
तालाब के किनारे पर जाकर के गाय रुक गई। शेर ने ये सब देखा और शेर को लगा कि अब तो गाय के पास कोई रास्ता नहीं है। गाय सिर्फ़ तालाब में अंदर जाएगी, जैसे ही जाएगी जाकर के आराम से शिकार करूँगा, आराम से खाऊँगा, अपने दोस्तों को बुला लूँगा। शेर जहाँ था वहीं आराम से बैठ गया। गाय को लग रहा था कि क्या किया जाए। एक ही रास्ता था, तालाब में जाना था। धीरे-धीरे गाय तालाब में जाने लगी। तालाब में पानी बहुत कम था और कीचड़ बहुत ज़्यादा था।#Motivational Story
थोड़ी देर जाने के बाद में, थोड़ी दूर जाने के बाद में गाय फँस गई। अब शेर को लगा कि गाय रुक चुकी है, एक जगह पर, अब आराम से जाकर के शिकार कर सकते हैं। शेर अपनी जगह से उठा, धीरे-धीरे जाने लगा तालाब में। उसे मालूम नहीं था कि वहाँ पानी कम था, कीचड़ ज़्यादा था, वो भी दलदल में फँस गया। अब थोड़ी दूर पर गाय थी, थोड़ी दूर पर शेर था, दोनों के बीच में डिस्टेंस बहुत ज़्यादा नहीं थी, लेकिन दोनों चाहकर के भी कुछ कर नहीं पा रहे थे।#Motivational Story
ना तो गाय भाग पा रही थी, ना शेर शिकार कर पा रहा था। थोड़ी देर के लिए जंगल में सन्नाटा हो गया। और उसके बाद में गाय ने शेर से पूछा, “कि क्या तुम्हारा कोई गुरु या मालिक है?” शेर ने कहा कि “मैं ही यहाँ का राजा हूँ, मैं ही यहाँ का गुरु हूँ, मालिक हूँ, सब कुछ मैं ही हूँ।” ज़ोर से उसने दहाड़ लगाई। तो गाय ने कहा कि “तुम्हारे मालिक होने का, राजा होने का, गुरु होने का फ़ायदा क्या है? तुम यहाँ से निकल नहीं पा रहे हो, फँस चुके हो।” तो शेर ने कहा कि “ज़्यादा मत बनो, तुम भी फँस चुकी हो।” तो गाय ने कहा कि “मालूम है क्या? अभी शाम होगी, शाम में मेरा मालिक घर पर जाएगा और घर जाकर के देखेगा कि गाय नहीं पहुँची है, गाय वहाँ बँधी नहीं हुई है तो वो मुझे ढूँढते-ढूँढते जंगल में ज़रूर आएगा और मुझे यहाँ से निकाल कर के, बचा कर के ले जाएगा। तुम देखना।” थोड़ी देर के बाद में वाकई में वहाँ एक आदमी आता है और वो देखता है कि उसकी गाय तालाब के बीच में फँसी हुई है, थोड़ी दूर पर शेर खड़ा हुआ है। #Motivational Story
तो वो बचते-बचाते शेर से, गाय तक पहुँचता है, गाय को धीरे-धीरे तालाब से बाहर निकाल लाता है। वो गाय और वो आदमी दोनों एक-दूसरे को देख रहे होते हैं और उसके बाद में शेर की तरफ़ देख रहे होते हैं और ये सोच रहे होते हैं कि काश इसकी मदद कर पाते, लेकिन दोनों मदद नहीं कर पा रहे थे, नहीं कर सकते थे क्योंकि जैसे ही मदद करेंगे, शेर उनका शिकार कर लेगा। ये छोटी सी मज़ेदार कहानी ज़िंदगी में बहुत बड़ी बात सिखाती है। #Motivational Story
गाय का मतलब आपका हार्ट, आप जितने सॉफ्ट रहेंगे, हंबल रहेंगे, लाइफ़ में सही गाइडेंस के साथ आगे बढ़ेंगे, आप कमाल कर पाएँगे। आपको चुनौतियाँ आएँगी, लेकिन आप उनसे पार पा लेंगे और शेर का मतलब है आपका सर, आपका अहंकार। आप जितना सोचेंगे कि सिर्फ़ आप ही आप हैं और कोई नहीं है, आप बर्बाद हो जाएँगे। घमंड तो इस दुनिया में राजा रावण का नहीं चला, तो आप और हम क्या चीज़ हैं। ये छोटी सी कहानी ज़िंदगी में एक ही बात सिखाती है, सही गाइडेंस के साथ कर दिखाओ कुछ ऐसा कि दुनिया करना चाहे आपके जैसा।#Motivational Story
कहानी 4: लड़का और गौतम बुद्ध
किसी ने बड़े कमाल की बात कही है कि आवाज़ ऊँची हो तो कुछ लोग सुनते हैं, लेकिन अगर बात ऊँची हो तो बहुत सारे लोग सुनते हैं। हाय गाइज़, मैं हूँ आरजे कार्तिक, एक छोटी सी कहानी। ये कहानी एक लड़के की, 24 साल का लड़का जो सेठ के यहाँ पर नौकरी करता था, उसके माँ-बाप इस दुनिया में नहीं थे, ज़िंदगी बड़ी परेशानी में चल रही थी। वो जाता था, रोज़ाना पैसे कमा करके घर आता था, खाना बनाता था, खाता था, सो जाता था।#Motivational Story
एक दिन उसने देखा कि उसने चार चपाती और सब्ज़ी बनाई, हाथ-मुँह धोकर के वापस आया, तब तक तीन बची। दूसरे दिन भी यही हुआ, तीसरे दिन उसने ध्यान रखा और चूहे को पकड़ लिया। एक चूहा मोटा-सा चपाती लेके जा रहा था। चूहे को पकड़ा तो चूहे ने कहा कि भईया मेरी किस्मत का क्यों खा रहे हो? मेरी चपाती तो मुझे ले जाने दो। तो लड़के ने कहा, “बेटा मेरे पास में ज़्यादा पैसा नहीं है, सिर्फ़ चार मैंने बनाई हैं चपाती, उसमें से एक तुम ले जा रहे हो। मैं क्या करूँगा? मेरी ज़िंदगी ने मुझे बेहाल कर रखा है।” तो चूहे ने कहा कि “तुम्हारे सारे सवालों के जवाब तुम्हें एक इंसान दे सकता है।” लड़के ने पूछा, “कौन है?” तो चूहे ने कहा कि “गौतम बुद्ध हैं, उनके आश्रम में जाओ, उनसे अपनी ज़िंदगी के बारे में पूछो, वो तुम्हें रास्ता बताएँगे कि करना क्या है।” लड़के ने कहा, “बहुत बढ़िया बात है।” चूहे की बात मान ली, गौतम बुद्ध से मिलने के लिए चल पड़ा। सेठ से छुट्टियाँ ले ली पाँच-छह दिन की। रास्ता लंबा था, रात हो गई।#Motivational Story
इस लड़के को कुछ दिखाई नहीं दे रहा था, थोड़ी दूर पर एक हवेली दिखाई दी, वहाँ गया, जाकर के शरण माँगी। हवेली की मालकिन ने पूछा कि “बेटा कहाँ जा रहे हो?” तो लड़के ने कहा कि “गौतम बुद्ध के आश्रम जा रहा हूँ, उनसे मिलने के लिए।” तो मालकिन ने कहा कि “बहुत बढ़िया जगह जा रहे हो। गौतम बुद्ध से हमारे एक सवाल का जवाब लेकर के आना, अगर वो सवाल का जवाब दे दें।” तो लड़के ने कहा कि “ज़रूर, आप सवाल पूछूँगा, बताइए।” तो हवेली की मालकिन ने कहा कि “बेटा, मेरी बीस साल की बेटी है, जो बीस सालों से एक शब्द नहीं बोली है, बोल नहीं सकती है। बस उनसे ये पूछ लेना कि ये बेटी कब बोलेगी? ये बोलते-बोलते उनकी आँखों में आँसू आ गए।” लड़के ने कहा, “माता जी आप परेशान मत हो, मैं जाऊँगा और आपके सवाल का जवाब ज़रूर लेकर के आऊँगा।” लड़का अगले दिन चल पड़ा, रास्ता बहुत ज़्यादा लंबा था, रास्ते में उसे बड़े-बड़े पहाड़ मिले, ऊँचे-ऊँचे पहाड़, बर्फ वाले पहाड़।#Motivational Story
उसे समझ नहीं आ रहा था कि कैसे पार करूँगा, बड़ी देर हो जाएगी। तभी उसे एक जादूगर दिखाई दिया जो वहाँ बैठकर के तपस्या कर रहा था। जादूगर के पास गया, उससे बोला कि “मुझे गौतम बुद्ध से मिलने के लिए जाना है, रास्ता तो बहुत ही परेशानी वाला लग रहा है, कैसे मैं पार करूँगा?” तो जादूगर ने कहा कि “गौतम बुद्ध से मिलने जा रहे हो? मेरे एक सवाल का जवाब लेकर के आ जाना, तुम्हें पहाड़ तो मैं फटाफट से पार करा दूँगा।” लड़के ने कहा, “आपका सवाल बताओ।” तो जादूगर ने कहा कि “हज़ार सालों से यहाँ पर, इसी पहाड़ पर तपस्या कर रहा हूँ स्वर्ग जाने के लिए, मुझे समझ नहीं आ रहा कि स्वर्ग कब जाऊँगा?” तो लड़के ने कहा, “ठीक है, आपके सवाल का जवाब लेकर के आते हैं।” जादूगर ने छड़ी घुमाई, लड़के को पहाड़ पार करा दिया, मैदानी इलाका आ गया। वहाँ पर एक बड़ी सी नदी थी।#Motivational Story
लड़के के सामने फिर से समस्या थी कि अब ये नदी कैसे पार करे? तभी उसे वहाँ पर एक बड़ा सा कछुआ दिखाई दिया। कछुए से मदद माँगी कि “अपनी पीठ पर बैठा करके मुझे नदी पार करा दीजिए।” कछुए ने कहा, “ठीक है।” जब नदी पार कर रहे थे तो कछुए ने पूछा कि “कहाँ जा रहे हो?” तो लड़के ने कहा कि “गौतम बुद्ध से मिलने जा रहा हूँ।” कछुए ने कहा, “वाह यार, बड़ी अच्छी जगह जा रहे हो, एक काम करना, मेरे सवाल का जवाब ले आना।” तो लड़के ने कहा कि “आपका भी सवाल बताइए।” कछुए ने अपना सवाल बताया कि “मैं बड़े टाइम से, पाँच सौ सालों से इसी नदी में हूँ और ड्रैगन बनने की कोशिश कर रहा हूँ, ड्रैगन कब बनूँगा? ये बस पूछ करके आ जाना।” लड़के ने कहा, “ठीक है।” लड़का पहुँचा आश्रम में गौतम बुद्ध के पास में, प्रवचन चल रहा था, प्रवचन खत्म हुआ, गौतम बुद्ध ने कहा कि “हर कोई मुझसे सवाल पूछ सकता है, लेकिन सिर्फ़ तीन सवालों के जवाब दिए जाएँगे।” अब लड़के के सामने समस्या थी कि किसके सवाल को ड्रॉप करे, किसका सवाल छोड़े और किसका पूछे? लड़के ने सोचना शुरू किया। सबसे पहले हवेली की मालकिन नज़र में आईं, ध्यान में आईं।#Motivational Story
तो उसे लगा कि वो तो अपनी बेटी का इलाज कराना चाह रही हैं, उनकी बेटी बोल नहीं रही है, उनकी आँखों में आँसू थे, उनका सवाल पूछना ज़रूरी है। दूसरी जो तस्वीर उसके दिमाग में आई, नज़र में आई, वो आई जादूगर की, जादूगर हज़ार साल से वहाँ तपस्या कर रहा है, बर्फ के पहाड़ में। तीसरी तस्वीर आई कछुए की, जो पाँच सौ साल से नदी में ड्रैगन बनना चाह रहा है। फिर लड़के को अपनी तस्वीर नज़र आई, जो सेठ के यहाँ पर एक लड़का नौकरी कर रहा है। लड़के ने सोचा कि मैं तो नौकरी कर ही रहा हूँ, खाना खा ही रहा हूँ, ठीक चल ही रहा है। थोड़ी और मेहनत करूँगा, कुछ बदलूँगा।#Motivational Story
इन तीन लोगों की ज़िंदगी में बदलाव लाना ज़रूरी है, इन तीन के सवाल पूछने ज़रूरी है। लड़के ने गौतम बुद्ध से तीनों के सवाल पूछे। गौतम बुद्ध ने जवाब दिया सबसे पहले हवेली की मालकिन के सवाल का। उन्होंने कहा कि “उस मालकिन की जो बेटी है बीस साल की, उसकी जैसे ही शादी होगी, वो लड़की बोलना शुरू कर देगी।” दूसरे सवाल का जवाब देते हुए गौतम बुद्ध ने कहा कि “जो जादूगर है, उससे कहना कि वो छड़ी छोड़ दे।#Motivational Story
जिस दिन उसने छड़ी छोड़ दी, छड़ी का त्याग कर दिया, वो स्वर्ग चला जाएगा।” तीसरा सवाल था कछुए का। गौतम बुद्ध ने कहा कि “उस कछुए से कहना कि अपना कवच उतार दे। जिस दिन उसने कवच उतार दिया, उस दिन वो ड्रैगन बन जाएगा।” लड़के ने नमस्कार किया, प्रणाम किया, चल पड़ा वापस रास्ते में। कछुआ मिला, कछुए से कहा कि “भैया कवच उतार दो, गौतम बुद्ध ने कहा है, तुम ड्रैगन बन जाओगे।” कछुए ने जैसे ही कवच उतारा, मोती ही मोती निकल आए।#Motivational Story
कछुए ने कहा, “ये मोती का मैं क्या करूँगा, तुम ले जाओ।” लड़के को मोती दे दिए और कछुआ ड्रैगन बन गया। थोड़ा आगे चला तो जादूगर मिला, जादूगर को जाकर के कहा कि “भैया आपको छड़ी छोड़नी पड़ेगी, तभी आप स्वर्ग जा पाओगे।” जादूगर ने कहा, “ये लो छड़ी छोड़ दी, ये छड़ी तुम रख लो, मैं स्वर्ग चला जाऊँगा।” जादूगर स्वर्ग चला गया। और अब आई बारी तीसरे सवाल की। ये पहुँचा उस हवेली में जहाँ मालकिन ने सवाल भेजा था।#Motivational Story
मालकिन से जाकर के बोला कि “मालकिन, आपका जो सवाल था, उसका जवाब मिल गया है। आपकी बीस साल की बेटी की जिस दिन शादी हो जाएगी, उस दिन ये बोलना शुरू कर देगी।” मालकिन ने कहा कि “क्या बात है! तो देर कैसी? मेरे सामने ही तो दूल्हा बैठा है, तुमसे बढ़िया कौन हो सकता है?” लड़की को बुलाया गया, लड़के ने लड़की को देखा, लड़की ने लड़के को देखा, शादी करा दी गई और जैसे ही शादी हुई, लड़की ने पहली बात बोली कि “आप तो वही हो जो उस दिन रात में हमारे यहाँ आकर के रुके थे?” लड़की ने बोलना शुरू कर दिया। लड़के के पास में ज़िंदगी में पैसा आ गया, क्योंकि मोती ही मोती आ गए।#Motivational Story
जादूगर की छड़ी आ गई, ताकत आ गई और शादी भी हो गई। लड़की की ज़िंदगी सेटल हो गई, सिर्फ़ इसलिए क्योंकि उसने अपने सवाल का त्याग कर दिया था। इस दुनिया में जो जहाज़ होता है, जब किनारे पर होता है तो सुरक्षित होता है, सबसे ज़्यादा सेफ़ होता है, लेकिन उसे दूसरे किनारे पर जाने के लिए इस किनारे का त्याग करना पड़ता है, लहरों से भिड़ना पड़ता है, मुकाबला करना पड़ता है। इस लड़के ने जब तक अपना सवाल नहीं छोड़ा था, इसको जवाब नहीं मिले थे।#Motivational Story
ये छोटी सी कहानी लाइफ़ में बहुत बड़ी बात सिखाती है। अगर आप कुछ कमाल करना चाहते हैं तो त्याग कीजिए उन बुरी आदतों का, आलस्य का। सुबह जल्दी उठना शुरू कीजिए। अपनी लाइफ़ में जो बैड हैबिट्स हैं, उन्हें हटाइए, तभी जाकर के आप कमाल कर पाएँगे। आरजे कार्तिक एक बार फिर आपसे कहेगा, “कर दिखाइए कुछ ऐसा कि दुनिया करना चाहे आपके जैसा।”#Motivational Story
कहानी 5: बंदर और ठंडा पानी
किसी ने बड़े कमाल की बात कही है कि फ़ितरत तो कुछ यूँ भी है इंसान की, कि बारिश खत्म हो जाए तो छतरी भी बोझ लगती है। हाय गाइज़, मैं हूँ आरजे कार्तिक, एक छोटी सी कहानी। ये कहानी उस वक़्त की जब एक बड़े से पिंजरे में कुछ बंदरों को डाला गया। बंदर जैसे ही पिंजरे में पहुँचे तो उन्होंने देखा कि वहाँ पर एक सीढ़ी लगी हुई है, सीढ़ी के ऊपर वाले हिस्से में कुछ केले लटकाए गए थे। अब एक बंदर का मन हुआ, उसे भूख लग रही थी, वो सीढ़ी पर चढ़ने की कोशिश करने लगा। जैसे ही सीढ़ी पर चढ़ा, उस पर ठंडा पानी गिराया गया और यही ठंडा पानी बाकी के बंदरों पर ज़ोर से फेंका गया। यानी कि यही सज़ा सबको मिली।#Motivational Story
सब ठंड के मारे दुबक करके चुपचाप बैठ गए। अब थोड़ी देर के बाद में दूसरे बंदर ने कोशिश की, वो गया सीढ़ी के पास में, केले खाने की कोशिश करने के लिए चढ़ने लगा। जैसे ही चढ़ने लगा, वैसे ही उस पर ठंडा पानी फेंका गया और यही सज़ा बाकी के बंदरों को दी गई, वो भी दुबक करके बैठ गए। तीसरे ने कोशिश की, चौथे ने कोशिश की, यही सलूक सबके साथ में होने लगा। अब बंदरों को धीरे-धीरे समझ में आने लगा कि अगर हम वहाँ जाने की कोशिश करेंगे तो हम पर ठंडा पानी फेंका जाएगा। बंदरों ने मन ही मन डिसाइड कर लिया कि भई नहीं जाएँगे।#Motivational Story
अब किसी एक को तो भूख लगने लगी, अचानक से किसी ने हिम्मत करके कोशिश की, वो गया सीढ़ी के पास में, चढ़ने की कोशिश करने लगा। जैसे ही सीढ़ी पर गया, चढ़ने की कोशिश करने लगा, इससे पहले कि उस पर ठंडा पानी गिराया जाता, बाकी के बंदरों ने मिलकर के उसकी पिटाई कर दी, उसकी धुनाई कर दी, उसको समझा दिया कि बेटा वापस नहीं जाना है। वो चुपचाप आकर के बैठ गया। फिर थोड़ी देर के बाद में किसी ने हिम्मत करके कोशिश की, वो गया सीढ़ी के पास में, फिर से उसकी बाकी के बंदरों ने पिटाई कर दी। ये प्रोसेस चलने लगी।#Motivational Story
जैसे ही कोई बंदर सीढ़ी पे चढ़ने की कोशिश करता, बाकी के बंदर मिलकर उसकी पिटाई कर देते। अब जिस कलाकार ने इन सारे बंदरों को पिंजरे में रखा था, उसने एक नया आइडिया सोचा। उसने एक पुराने बंदर को बाहर निकाला और नए बंदर को अंदर घुसा दिया। जैसे ही नया बंदर अंदर गया, उसने देखा कि सीढ़ी पर केले लटके थे, उसे तो भूख लग रही थी, उसको मालूम नहीं था कि अंदर पिंजरे में चल क्या रहा है। उसने कोशिश की, वो सीढ़ी के पास गया, चढ़ने की कोशिश करने लगा, जैसे ही चढ़ने लगा, इससे पहले कि उस पर ठंडा पानी फेंका जाता, बाकी के पुराने बंदरों ने मिलकर के उसकी पिटाई कर दी, उसे समझ में नहीं आया कि पिटाई हो क्यों रही है? वो चुपचाप कोने में जाकर बैठ गया। अब फिर से एक पुराने को बाहर निकाला गया, नए बंदर को अंदर लाया गया।#Motivational Story
जो नया आ रहा था, उसको मालूम नहीं था कि अंदर क्या चल रहा है। वो सीढ़ी के पास में जाने की कोशिश करता, बाकी के बंदर मिलकर उसकी पिटाई कर देते। धीरे-धीरे, धीरे-धीरे ये एक्सचेंज होने लगा, पुराने बाहर, नए अंदर। एक टाइम ऐसा आया कि सारे पुराने बंदर बाहर चले गए, सारे नए बंदर अंदर आ गए। और सारे नए बंदरों को मालूम नहीं था कि पिटाई हो क्यों रही है। ना पीटने वाले को मालूम है, ना पिटने वाले को मालूम है। जैसे ही कोई सीढ़ी के पास जाने की कोशिश करता, बाकी के बंदर मिलकर उसकी पिटाई कर देते। आइडिया किसी को नहीं है कि पिटाई हो क्यों रही है, बस ये हो रहा है कि हाँ यही करना है।#Motivational Story
यही आज हमारी लाइफ़ में हो रहा है। बहुत पहले कोई प्रथा बनी, कोई ऐसा अंधविश्वास को लेकर के बात बनी, जो कि आज तक चली आ रही है। किसी को मालूम नहीं है कि इसका लॉजिक क्या था, क्यों सोच करके इस बात को बनाया गया, लेकिन हम उसे फ़ॉलो करते आ रहे हैं और उन्हीं चक्करों में आज हम वहीं बैठे हुए हैं जहाँ हम बैठे हुए थे। हिंदुस्तान आज 135 करोड़ से ज़्यादा का एक बहुत बड़ा देश है, इतनी बड़ी जनसंख्या हमारी। लेकिन 135 करोड़ लोगों में से भी खेलों के मामले में बहुत कम सितारे निकल पाते हैं, ओलंपिक्स में बहुत कम मेडल्स हम जीत पाते हैं।#Motivational Story
क्यों? क्योंकि हमारे पेरेंट्स को लगता है कि खेलों में कोई फ़्यूचर नहीं है। क्योंकि पड़ोसी का बेटा जो है, वो पढ़ाई कर रहा है, वो खेल में नहीं गया, तो हमारा बेटा भी नहीं जाएगा। तो ये जो फ़ेलियर का डर है, इसी डर से हमने अपने बच्चों को घरों में कैद किया हुआ है। आप अपने डर को खत्म कीजिए, इस प्रथा को खत्म कीजिए, आगे बढ़िए और ये बात याद रखिए कि मालूम नहीं है किसी को भी कि पिटाई हो क्यों रही है। इसीलिए एक बार कोशिश करके एक स्टेप उठाइए, आई एम श्योर आप सभी जीत हासिल करेंगे।#Motivational Story
कहानी 6: लड़का और दूध का ग्लास
किसी ने बड़े कमाल की बात कही है कि पूरी धरा, धरा यानी कि सृष्टि, ये पृथ्वी, ये संसार, पूरी धरा भी अगर साथ दे तो कुछ और बात है, पर तू अगर ज़रा भी साथ दे तो कुछ और बात है। यूँ तो चलने को एक पाँव से भी चलते हैं लोग, मगर दूसरा भी साथ दे तो कुछ और बात है। हाय गाइज़, मैं हूँ आरजे कार्तिक, एक छोटी सी कहानी।#Motivational Story
ये कहानी जिसने लिखी है, वो लिखते हैं कि मैं अपने शहर से दूसरे शहर में जाकर के जॉब कर रहा था, लेकिन जब कभी अपने होम-टाउन आता था तो अपने दोस्तों से मिलना नहीं भूलता था। हमारी रीयूनियन होती थी और रीयूनियन के लिए हम जिस जगह पर मिलते थे, वो था हमारे शहर का फ़ेमस लस्सी वाला। छुट्टियों के दिन थे, मैं अपने घर आया हुआ था, मैंने आकर के अपने दोस्तों को कॉल लगाया और बोला कि आ जाओ, अड्डे पर मिलते हैं।#Motivational Story
लस्सी वाले के यहाँ हम सब पहुँच गए, जाकर के हमने ऑर्डर दे दिया। गर्मियों के दिन थे, बाहर कुर्सियाँ लगी हुई थीं, ऊपर कनात लगी हुई थी, सारे नीचे जाकर के बैठ गए आराम से। लस्सी का ऑर्डर कर दिया, इंतज़ार कर रहे थे कि लस्सी का ग्लास आएगा। हँसी-मज़ाक चल रही थी, दोस्ती-यारी की बातें चल रही थीं, तभी मेरे सामने आकर के एक बूढ़ी अम्मा खड़ी हो गईं। 75 से 80 साल उनकी उम्र रही होगी, हाथ में डंडा था, आँखें धँसी हुई थीं, ज़ुबान लड़खड़ा रही थी, कमर झुकी हुई थी, चेहरे पर भूख दिख रही थी और आकर के बस इतना सा बोलीं कि बेटा, ऊपर वाले के नाम पर कुछ दे दे।#Motivational Story
मेरे आगे आकर के उन्होंने हाथ फैला दिए। मुझसे रहा नहीं गया, पता नहीं क्या हुआ। वैसे मैं भिखारियों को भीख नहीं देता हूँ, लेकिन उस दिन पता नहीं क्या हुआ, अपने आप मेरा हाथ वॉलेट की तरफ़ चला गया, मैं सिक्के ढूँढने लगा। फिर पता नहीं दूसरा आइडिया आया, दूसरा ख्याल आया, मैंने वॉलेट अपनी जेब में रख लिया। आप सोच रहे होंगे कि शायद मैंने पैसा नहीं दिया, पैसा मैंने नहीं दिया, लेकिन मैंने उनसे कहा कि दादी जी, क्या आप लस्सी पिएँगी? और जैसे ही मैंने दादी जी कहा, उनके चेहरे पर एक छोटी सी मुस्कान आ गई। मेरे दोस्त पीछे से देखने लगे कि यार ये क्या कर रहा है? मतलब पाँच रुपये, तीन रुपये, सात रुपये में बात खत्म हो जाएगी, दस रुपये में बात खत्म हो जाएगी। सिक्के देकर फ़्री कर, लस्सी पिला रहा है 30 रुपये की।#Motivational Story
मतलब दोस्तों को शायद ऐसा लग रहा होगा कि मैं गरीब हो जाऊँगा, वो मुझे ठग करके चली जाएँगी। लेकिन फिर मैंने फिर से पूछा कि दादी जी, क्या आप लस्सी पिएँगी? दादी जी ना-नुकुर करते हुए धीरे से हाँ उन्होंने भर दी और उनकी हाँ को देखकर मुझे लगा, उनको सुनकर के मुझे लगा कि ये बहुत दिनों से भूखी हैं। पता नहीं क्या हुआ, मैंने ज़ोर से आवाज़ लगाई कि भैया, एक लस्सी और। दादी जी दूर जाकर के खड़ी हो गईं। फिर से वापस मेरे पास आईं, अपनी पोटली में से कुछ सिक्के निकाले और बोली कि बेटा ये पाँच-सात रुपये हैं, आप जो पेमेंट करोगे, उसमें ये पैसे मिला लेना।#Motivational Story
मेरे चेहरे पर सारे भाव उड़ गए, मेरे आँखों में जैसे आँसू सूख गए। ऐसा मुझे लगा कि मैं सुन्न रह गया। उन्होंने मुझे पैसे देने की बात कर दी। मैंने उनसे कहा कि माता जी माफ कीजिए, आप जाकर के बैठिए अभी लस्सी आ रही है। लस्सी वाला आया, लड़का, नौकर आकर के उसने सबको ग्लासेज़ दे दिए, उनको भी ग्लास दे दिया। अब वो दूर जाकर के बैठ गईं, नीचे ज़मीन पर। हम सब कुर्सियों पर बैठे हुए थे। अब वो कुर्सी मुझे काटने लगी कि मैं यहाँ बैठा हुआ हूँ, वो नीचे बैठी हुई हैं। मन तो ऐसा कर रहा था कि उनको बुलाऊँ, अपने बगल की कुर्सी में बैठाऊँ, लेकिन फिर लग रहा था कि लोग सोचेंगे कि अजीब आदमी है, मतलब भीख माँगने वाली महिला को यहाँ बैठा रहा है, ये कर रहा है, वो कर रहा है। फिर दूसरा ख्याल आया, मैं उठा अपनी सीट से और जाकर के उनके पास जाकर के नीचे ज़मीन पर बैठ गया।#Motivational Story
दोस्त देख रहे थे कि ये क्या हरकत कर रहा है। तभी वो जो लस्सी वाला जो था, दुकान वाला, वो बोला कि सर जी धन्यवाद मत कहिएगा, क्योंकि मेरी दुकान में ग्राहक तो हमेशा आते हैं, लेकिन इंसान कभी-कभार आते हैं। आज आपने यहाँ आकर के ये सब करके मेरी आँखें खोल दीं, मुझे बहुत बड़ी बात सिखा दी। अब से मैं कोशिश करूँगा कि मेरी दुकान के आसपास अगर कोई ऐसा दिखे तो उसे मैं फ़्री में लस्सी पिलाऊँ। छोटी सी कहानी लाइफ़ में बहुत बड़ी बात सिखाती है।#Motivational Story
मदद करते चलिए, मुस्कान बाँटते चलिए। अगर आपको ऊपर वाले ने इस काबिल बनाया है कि आप किसी की मदद कर सकें, तो मदद करने से पीछे मत हटिए। कई लोग कहते हैं कि भिखारियों को भीख नहीं देनी चाहिए, पैसा मत दीजिए, लेकिन अगर आपको कोई गरीब आदमी दिख रहा है तो उसे भोजन ज़रूर करवाइए। वो कहते हैं ना कि कब ऊपर वाला आपको किसी का ऊपर वाला बना करके भेज दे, आपको भी मालूम नहीं चलेगा। लोगों की दुआएँ कमाना बहुत मुश्किल है। पैसे तो हर कोई कमाता है, दुआएँ कमाइए, दुआओं के साथ कर दिखाइए कुछ ऐसा कि दुनिया करना चाहे आपके जैसा।#Motivational Story
कहानी 7: अकबर, बीरबल और जूतियाँ
किसी ने बड़े कमाल की बात कही है कि सिंह बनो, सिंहासन की चिंता मत करो, क्योंकि सिंह जिस चट्टान पर बैठ जाता है, वही सिंहासन बन जाती है। हाय गाइज़, मैं हूँ आरजे कार्तिक, एक छोटी सी कहानी। ये कहानी है अकबर और बीरबल की। एक बार जहाँपनाह अकबर ने बीरबल से कहा कि बीरबल, बताओ अविद्या क्या है? बीरबल ने कहा कि महाराज, इस सवाल का जवाब देने के लिए मुझे चार दिन की छुट्टियाँ चाहिए। तो अकबर ने पूछा कि छुट्टियाँ क्यों चाहिए? तो बीरबल ने कहा कि महाराज मैं परेशान हो गया हूँ, आपके सवालों का जवाब देते-देते दिमाग थक गया है, दिमाग को थोड़ा आराम चाहिए।#Motivational Story
चार दिन के बाद जब वापस आऊँगा, तो पक्के से बताऊँगा कि अविद्या क्या है। अकबर ने कहा, “ठीक है, जैसा तुम्हें मंज़ूर है।” बीरबल को चार दिन की छुट्टियाँ मिल गईं। वो घर गया, घर जाने के बाद में सीधा मोची के पास गया और मोची के पास जाकर के बोला कि “ऐसी शानदार जूतियाँ बनाओ, जिसे जो देखे, देखता रह जाए।” तो मोची ने कहा कि “कैसी बनानी है? थोड़ा बताओ, नाप-वाप।” तो बीरबल ने कहा कि “नाप-वाप कुछ भी नहीं, एक बित्ती चौड़ी बना दो, दो बित्ती लंबी बना दो, आराम से शानदार वाली बना दो, तुम्हें जितना टाइम चाहिए ले लो। लेकिन उनमें हीरे-जवाहरात जड़ने हैं तुम्हें और सोने-चाँदी के तारों से सिलाई करनी है।#Motivational Story
ऐसी जूतियाँ बनानी हैं जिसे देखने के बाद लोगों के मुँह से सिर्फ़ वाह निकले।” तो मोची ने कहा कि “जनाब बनवा किसके लिए रहे हो?” तो बीरबल ने कहा कि “ज़्यादा सवाल-जवाब मत करो और बनने के बाद में तुम भूल जाना कि तुमने बनाई है, यही शर्त है।” मोची ने कहा, “मंज़ूर है।” तीन दिन के बाद में मोची ने जूतियाँ बना दी। बीरबल गए, पैसे दिए, जूतियाँ लीं और उससे फिर से कह दिया कि “किसी को बताना मत कि तुमने बनाई है।” बीरबल ने क्या किया? एक जूती अपने घर पर ले जाकर रख दी और दूसरी जूती जो थी, उस जोड़े की, उसको ले जाकर के मस्जिद में फेंक दिया। सुबह-सुबह मौलवी साहब पहुँचे नमाज़ पढ़ने के लिए, तो उनको वो जूती दिखाई दी। हीरे-जवाहरात जड़े हुए थे, सोने-चाँदी के तारों से सिलाई हो रखी थी।#Motivational Story
मौलवी साहब को लगा कि ये जूती किसी आम इंसान की तो हो ही नहीं सकती। उन्हें लगा कि ये जूती ज़रूर ऊपर वाले आए होंगे नीचे, ऊपर वाला आया होगा नीचे, नमाज़ पढ़ने के लिए और उनकी जूती यहाँ पर छूट गई होगी। उन्होंने वो जूती उठाई, अपनी आँखों पर लगाई, माथे से चूमा, सिर पर रख लिया। उसके बाद में जितने लोग वहाँ नमाज़ पढ़ने के लिए आ रहे थे, सबको बताया कि देखो ये जूती छूट गई है और मुझे तो लग रहा है कि ये आम आदमी की नहीं है, ये तो ऊपर वाले की है। लोगों ने कहा, “बिल्कुल सही कह रहे हैं जनाब, ये तो ऊपर वाले की है।” हर किसी ने वही किया, सबने चूमा, माथे से रख लिया, सिर पर रख लिया।#Motivational Story
उसके बाद में ये बात जंगल में आग की तरह पूरे राज्य में फैल गई। अकबर तक बात पहुँची, जहाँपनाह अकबर ने कहा कि “वो जूतियाँ मुझे लाकर के दिखाई जाए।” जूती ले जाई गई, उन्हें दिखाई गई। तो अकबर ने देखा तो बोला कि “बिल्कुल सही कह रहे हो, ये किसी आम आदमी की जूती हो ही नहीं सकती, ये तो ज़रूर ऊपर वाले की जूती है। ऊपर वाले नीचे आए होंगे, वो आए होंगे तो उन्होंने नमाज़ पढ़ी होगी और उनकी जूती छूट गई होगी।” उन्होंने भी वही किया, माथे से लगा लिया, आँखों से चूम लिया, सिर पर रख लिया। उसके बाद में अकबर ने कहा कि “एक काम करो, ये बहुत ही नायाब जूती है, इसको ले जाकर के अच्छी जगह पर, अच्छे स्थान पर रखो और पूजा करो। इसकी पूजा होनी चाहिए, अच्छे से ध्यान रखना है, यही आपको करना है।” अकबर का आदेश था, माना गया।#Motivational Story
इधर चार दिन की छुट्टियाँ बीरबल की खत्म हो गईं, बीरबल वापस आया। उसका चेहरा उतरा हुआ था, मुँह उदास था। तो अकबर ने पूछा कि “क्या हो गया? तुम तो ऐसे लग रहे हो जैसे घर में किसी की मौत हो गई हो।” तो बीरबल ने कहा कि “क्या बताऊँ जहाँपनाह? हमारे परदादा की जूतियाँ थीं, चोर आए, एक जूती ले गए, एक जूती छोड़ गए। हम परेशान चल रहे हैं। वो इतनी हमारे दिल के करीब थी कि हमने आज तक उनको बेचा नहीं था, बस अपने घर में रखा था।” तो अकबर ने कहा कि “तुम्हारे पास वो जूती है?” बीरबल ने कहा, “हाँ जी, हाँ जी है, आपको दिखाता हूँ।” तो बीरबल ने जूती दिखाई।#Motivational Story
अकबर का माथा ठनका, अकबर ने कहा कि “वो जूती जो रखवाई है, उसको मँगवाओ।” वो जूती जहाँ रखवाई गई थी, वहाँ से मँगवाई गई। जोड़ा जूतियों का बन गया। बीरबल को दिया गया। बीरबल ने कहा कि “महाराज, यही अविद्या है। ना आपको कुछ पता था, ना उनको कुछ पता था, ना जिसको मिली उसको कुछ पता था। सब बस भेड़चाल में चले जा रहे थे। इसे ही अविद्या कहा गया है।” इस दुनिया में ये बात हर किस्से पर, हर कहानी पर इम्प्लीमेंट होती है। चाहे आप जो काम कर रहे हो, स्टूडेंट हो, जॉब कर रहे हो, कंपनी में काम कर रहे हो, घर में हो।#Motivational Story
किसी और की बात को मान करके, उसे ही सच मान लेना, कहाँ की समझदारी है? लेडीज़ एंड जेंटलमैन, बॉयज़ एंड गर्ल्स, एक बार फिर आरजे कार्तिक कहेगा, इस दुनिया में अगर कुछ कमाल करना है तो अपना ओपिनियन बनाइए, अपना विचार रखिए, उसी को आगे बढ़ाइए। आपकी सोच ही आपको आगे ले जा सकती है, किसी और की सोच से आपका फ़ायदा नहीं होगा। ज़िंदगी में बनना है तो भेड़ नहीं, सिंह बनो। आरजे कार्तिक एक बार फिर कहेगा, अपनी सोच के साथ, अपने हौसले के साथ, मेहनत के साथ, हिम्मत के साथ और ऊपर वाले के आशीर्वाद के साथ, कर दिखाओ कुछ ऐसा कि दुनिया करना चाहे आपके जैसा।#Motivational Story
कहानी 8: किसान और गौतम बुद्ध
किसी ने बड़े कमाल की बात कही है कि उम्र थका नहीं सकती, ठोकरें गिरा नहीं सकती, अगर ज़िद हो जीतने की तो परिस्थितियाँ भी हरा नहीं सकती। हाय गाइज़, मैं हूँ आरजे कार्तिक, एक छोटी सी कहानी। एक बार एक किसान अपनी ज़िंदगी में परेशानियों से परेशान था, उसकी ज़िंदगी में समस्या और समस्या आती रहती थी। कभी घर में झगड़ा हो जाता था, कभी ज़्यादा बारिश हो जाती थी, कभी कम बारिश होती थी।#Motivational Story
दोनों ही सिचुएशन में फसल खराब हो जाती थी। उसे समझ में नहीं आ रहा था कि क्या करें। उसने कई बार घर में हवन करवाए, पूजा करवाई, लेकिन समस्या का समाधान नहीं मिल रहा था। तो एक दिन गाँव वालों ने कहा कि भैया पास के गाँव में गौतम बुद्ध आए हुए हैं, इतने जाने-माने ऋषि हैं, उनके पास जाओ, वो तुम्हारी समस्या का समाधान कर देंगे। तो किसान को लगा कि गाँव वाले कह रहे हैं, शायद मेरी समस्या का समाधान हो जाए।#Motivational Story
मैं चिड़चिड़ा रहता हूँ, गुस्सा करता हूँ, ये सब कम हो जाए। तो गौतम बुद्ध के पास में जाकर के पहुँचा और जाकर के प्रणाम किया और बोला कि महाराज, बड़ी दूर से आया हूँ और मुझे मेरे गाँव वालों ने ज़बरदस्ती भेजा है, ये बोल रहे हैं कि आप ही मेरी मदद कर सकते हैं, आपके पास जाओ, वो तुम्हारी समस्या का समाधान कर देंगे। तो गौतम बुद्ध ने पूछा कि बेटा बताओ, समस्या क्या है? तो किसान ने बताना शुरू किया। कि मैं आपको क्या बताऊँ, क्या गिनाऊँ, मुझे समझ में नहीं आ रहा। मेरी ज़िंदगी में समस्या ही समस्या है। कभी-कभी बच्चों से परेशान हो जाता हूँ, लगता है कि बच्चे नहीं होते तो अच्छा होता।#Motivational Story
कभी बीवी से परेशान हो जाता हूँ, झगड़ा हो जाता है तो मुझे लगता है कि ये ना होती तो अच्छा होता। कभी मेरी ज़िंदगी में ये सब समस्याएँ ठीक हो जाती हैं, तो खेत की समस्या आ जाती है, वहाँ पर फसल बर्बाद हो जाती है। कभी कम बारिश होती है, ज़्यादा बारिश होती है, ज़्यादा बारिश होती है तो फसल बर्बाद हो जाती है, कम बारिश होती है तो फसल बर्बाद हो जाती है। किसान समस्या पर समस्या, समस्या पर समस्या बताता जा रहा था, बताता जा रहा था।#Motivational Story
गौतम बुद्ध चुपचाप सुन रहे थे। जब किसान जो भरा बैठा था, उसने सारी बातें कह दीं, तो गौतम बुद्ध भी चुप रहे, किसान भी चुप था। किसान इस बात के इंतज़ार में था कि अब शायद मुझे समाधान मिलेगा। और गौतम बुद्ध कुछ नहीं बोल रहे थे। तो किसान ने फिर से कहा कि महाराज, मैं आपको प्रणाम करता हूँ, इतनी दूर से आया हूँ, मेरी बात का जवाब दीजिए, आप तो चुपचाप बैठे हैं। तो गौतम बुद्ध ने कहा कि बेटा मैं तुम्हारी मदद नहीं कर सकता।#Motivational Story
और जैसे ही गौतम बुद्ध ने ये कहा, वो किसान उन पर भड़क गया, बोलने लगा कि आप मेरी मदद नहीं कर सकते? मुझे मेरे गाँव वालों ने धक्का देकर के, ज़बरदस्ती यहाँ तक भेजा है और वो बोल रहे हैं कि आप ही मेरी मदद कर सकते हैं और आप कह रहे हैं कि आप मेरी मदद नहीं कर सकते। तो गौतम बुद्ध ने कहा कि बेटा ये तो ज़िंदगी है। ये ज़िंदगी का चक्र है, ये घूमती रहती है। हमारी ज़िंदगी में, हर किसी की ज़िंदगी में 83 समस्याएँ होती हैं, 83 प्रॉब्लम्स उन्होंने बोला।#Motivational Story
तो किसान ने कहा कि 83 समस्याएँ होती हैं? मेरी ज़िंदगी में तो इससे भी ज़्यादा हैं। तो गौतम बुद्ध ने कहा कि वो जो समस्याएँ हैं, वो खत्म नहीं होतीं और उनका कोई समाधान भी नहीं कर सकता है। तो किसान ने कहा कि मतलब मैं फालतू आपके पास आया? आपसे अच्छे तो पुराने वाले बाबा जी थे, पुराने वाले महात्मा थे, उन्होंने घर में यज्ञ करवा दिया, हवन करवा दिया, पाठ-पूजा हो गई। तो गौतम बुद्ध ने पूछा कि बेटा फिर तुम्हारी समस्याओं का हमेशा के लिए समाधान मिल गया? तो किसान ने कहा कि नहीं, हमेशा के लिए समाधान नहीं मिला। तो गौतम बुद्ध ने कहा कि फिर क्यों तुम बोल रहे हो कि तुम्हें समाधान मिल गया? मैं तुम्हारी 83 समस्याओं का समाधान नहीं कर सकता, लेकिन तुम्हारी 84वीं जो समस्या है, उसका समाधान कर सकता हूँ।#Motivational Story
तो किसान ने कहा कि 84वीं कौन सी समस्या है? तो गौतम बुद्ध ने कहा कि 84वीं समस्या ये है कि तुम ये सोचते हो कि ज़िंदगी में कोई समस्या नहीं होगी। जिस दिन तुम ये सोचना बंद कर दोगे कि ज़िंदगी में समस्या नहीं होगी, तुम्हारी ज़िंदगी से समस्याएँ अपने आप कम होने लगेंगी। तुम ये मानते हो कि प्रॉब्लम्स हैं, इसीलिए प्रॉब्लम्स एक के बाद एक, एक के बाद एक बढ़ती जा रही हैं और अगर तुम्हारी ज़िंदगी में प्रॉब्लम आ रही है, समस्या आ रही है तो वो तो आएँगी।#Motivational Story
हर किसी की ज़िंदगी में सुख-दुख आएगा। उनसे लड़ने की ताकत ऊपर वाला तुम्हें दे, तुम्हारे अंदर वो सामर्थ्य हो, शक्ति हो, बुद्धि हो कि हम आगे बढ़ें, तभी हम आगे बढ़ पाएँगे। जिस किसी ने ये मान लिया कि प्रॉब्लम्स नहीं आनी चाहिए, उसका कुछ नहीं हो सकता। प्रॉब्लम्स आएँगी, उनसे लड़ना आपको आना चाहिए।
कहानी 9: लड़का और डॉक्टर हॉवर्ड केली
किसी ने बड़े कमाल की बात कही है कि कैलेंडर हमेशा तारीख बदलता रहता है, मगर एक दिन एक तारीख ऐसी आती है जो हमेशा के लिए कैलेंडर को बदल देती है। इसीलिए ज़िंदगी में सब्र रखिए, वक़्त हर किसी का आता है, मेहनत करते रहें। हाय गाइज़, मैं हूँ आरजे कार्तिक, एक छोटी सी कहानी।#Motivational Story
ये कहानी एक गरीब लड़के की। एक ऐसा लड़का जिसकी फ़ैमिली में ज़्यादा पैसा नहीं था, घर-घर जाकर के सामान बेचता था, स्कूल के बाद में और उस सामान से जो पैसा इसको मिलता था, उस पैसे से स्कूल की फ़ीस भरता था। ये लड़का एक दिन ऐसे ही दोपहर में निकला हुआ था, सामान बेचने के लिए, घर-घर जा रहा था, दरवाज़ा खटखटा रहा था। इसे ज़ोरों की भूख लगी तो इसने डिसाइड किया कि अब जिस भी घर का दरवाज़ा खटखटाएगा, उससे पैसे के बदले खाना माँगेगा। ये गया, जाकर के दरवाज़ा नॉक किया, जब दरवाज़ा खुला तो अंदर से एक लड़की निकली। लड़की को देखकर के ये हक्का-बक्का रह गया, हैरान हो गया।#Motivational Story
तो इसने अचानक से, होता है ना एकदम से आप घबरा जाते हैं, तो इसने पानी माँग लिया कि एक ग्लास पानी मिलेगा? वो लड़की अंदर गई किचन में, जाकर के सोचने लगी कि लड़का बड़ा परेशान सा लग रहा है, पसीना आ रखा है, सामान लेकर के ढो रहा है इधर से उधर, सामान बेच रहा है, मुझे लगता है ये भूखा होगा। तो उस लड़की को अचानक से दया आई, वो अंदर से एक ग्लास दूध लेकर के आ गई और दूध लाकर के इस लड़के को दे दिया। इस लड़के ने दूध पी लिया।#Motivational Story
धीरे-धीरे दूध पी रहा था और सोच रहा था कि ऊपर वाला अभी भी है, अभी भी इंसानियत ज़िंदा है, ऊपर वाले का धन्यवाद करना चाहिए, सारी अच्छी-अच्छी बातें इसके दिमाग में आ रही थीं, कि एक-दूसरे की मदद करनी चाहिए। दूध पीने के बाद में इसने ग्लास उस लड़की को वापस दिया और बोला कि इसके बदले में आपको कितने पैसे दूँ? तो लड़की ने कहा कि पैसे क्यों दोगे? मेरी मम्मा मुझे हमेशा कहती हैं कि हम अगर किसी की मदद करें तो पैसे नहीं लेने चाहिए, तो आप कुछ मत दीजिए। तो फिर इस लड़के ने कहा कि आप कोई सामान खरीद लीजिए अगर आपको खरीदना है। तो उस लड़की ने कहा कि नहीं हमें कोई सामान नहीं चाहिए।#Motivational Story
तो इस लड़के ने कहा कि फिर मैं आपको बस एक ही बात कहूँगा, दिल से धन्यवाद, आपने मेरी मदद की, मैं मुझे भूख लगी थी, आपने भूखे को दूध पिला दिया, थैंक यू सो मच। ऐसा बोल करके ये वहाँ से चल दिया। और गली में जब ये जा रहा था तो सोच रहा था कि यार इंसानियत अभी ज़िंदा है, वो लड़की मेरे लिए एक ग्लास दूध लेकर के आ गई, मेरी मदद कर दी, ऊपर वाला मदद करता है, ये वो बहुत सारी अच्छी-अच्छी बातें इसके दिमाग में चल रही थीं।#Motivational Story
ये बात आई-गई हो गई। इस लड़के ने पढ़ाई पूरी की, स्कूल की पढ़ाई की, कॉलेज की पढ़ाई की, उसके बाद में बड़े शहर में बड़ा डॉक्टर बन गया। डॉक्टर हॉवर्ड केली। डॉक्टर हॉवर्ड केली के पास में एक केस आया, उन्हें पता चला कि एक लड़की इस तरीके से सीरियस कंडीशन में है, बीमार है, आईसीयू में रखी गई है। इन्होंने उसके बारे में पढ़ा, गाँव का नाम पढ़ा तो इन्हें याद आया कि ये तो वही लड़की है। जाकर के देखा तो इन्हें समझ में आ गया कि वही लड़की है, इसकी मदद करनी चाहिए। इन्होंने और एक्सपर्ट डॉक्टर्स को बुलाया, सारी जी-जान लगा दी उसको ठीक करने में, उसकी तबीयत फाइनली धीरे-धीरे ठीक होने लगी।#Motivational Story
जब वो ठीक हो गई, तो डॉक्टर साहब ने अपनी तरफ़ से जो बिल जाता है, वो बिल भेजा, एक लिफ़ाफ़े में रख करके और साथ में एक छोटा सा नोट ऊपर पेंसिल लिख करके एक नोट और उसके साथ में अटैच कर दिया। तो ये लिफ़ाफ़ा जब इस लड़की के पास में पहुँचा, जब ये स्टेबल हो चुकी थी, ठीक हो चुकी थी तो इसने देखा कि इसके पास में बिल आ चुका है तो ये घबरा गई, कि ठीक तो हो चुकी है लेकिन इसकी फ़ैमिली कंडीशंस ऐसी नहीं थी कि अब ये बिल पे कर सके।#Motivational Story
तो ये सोच रही थी कि पता नहीं कितने का बिल आया होगा। इसने वो लिफ़ाफ़ा खोला, उसमें वो ट्रीटमेंट के बारे में लिखा था, दवाइयों के बारे में लिखा था और साथ में एक छोटी सी पर्ची, एक छोटा सा नोट चिपका हुआ था, जिस पर पेंसिल से कुछ लिखा हुआ था। इसने वो ध्यान से पढ़ा, तो उस पर लिखा था, “आपके ट्रीटमेंट का बिल बहुत सालों पहले एक ग्लास दूध से पे कर दिया गया है।” डॉक्टर साहब वहाँ पहुँचे, डॉक्टर को देखकर ये भी पहचान गई और इसने कहा कि आपका दिल से धन्यवाद। आपने उस दिन मुझे दिल से थैंक यू कहा था, आज मैं आपको दिल से थैंक यू कहती हूँ। छोटी सी कहानी लाइफ़ में बहुत बड़ी बात सिखाती है।#Motivational Story
अगर आप अच्छा करते हैं तो लाइफ़ में अच्छाई घूम-फिर करके आपके पास ज़रूर आएगी। अगर आप बुरा करते हैं तो बुराई घूम-फिर करके आपके पास अपने आप चली आएगी। इसीलिए लाइफ़ में कर्मा सबसे बड़ी चीज़ है, अच्छे कर्म कीजिए, अच्छे रिज़ल्ट्स अपने आप आएँगे। ये हर शास्त्र में कहा गया है।#Motivational Story
कहानी 10: लड़का, जो बड़ा बिजनेसमैन बना
किसी ने बड़े कमाल की बात कही है कि समाज को आगे बढ़ाने के लिए क्या करना चाहिए? लोगों को एक-दूसरे की टाँग खींचने की बजाय एक-दूसरे के हाथ खींचने चाहिए। हाय गाइज़, मैं हूँ आरजे कार्तिक, एक छोटी सी कहानी। ये कहानी एक ऐसे लड़के की जिसका जन्म एक गरीब परिवार में हुआ। जिसकी ज़िंदगी में इतना स्ट्रगल था कि वो जैसे-तैसे दसवीं पास कर पाया। दसवीं पास करने के बाद में गाँव से शहर आ गया। शहर आकर के नौकरी की तलाश करने लगा।#Motivational Story
एक दिन अख़बार में उसे एक विज्ञापन दिखा जिसमें लिखा था, ऑफिस में असिस्टेंट की ज़रूरत है, सहायक कर्मचारी की ज़रूरत है, जिसको ऐसे ही ऑफिस का छोटा-मोटा काम करना था। बहुत बड़ी पोस्ट नहीं थी, लेकिन इस व्यक्ति ने डरते-डरते अप्लाई कर दिया। इसे ऑफिस का पता मालूम चला, वहाँ पहुँचा, देखा एक लंबी लाइन लगी हुई थी, बड़े सारे लोग आए हुए थे। इसने वहाँ जाकर के इंटरव्यू देना शुरू किया। इंटरव्यूअर अलग-अलग सवाल कर रहे थे।#Motivational Story
आख़िरी में इससे एक इंटरव्यूअर ने सवाल किया कि क्या आपके पास में ईमेल आईडी है? इसे पता ही नहीं था कि ईमेल आईडी क्या होती है, ये चौंक गया। और इसने बोला कि नहीं मेरे पास में कोई ईमेल आईडी नहीं है। तो जो सामने वाला था, उसने बोला कि कैसे बेवकूफ़ हो? मॉडर्न ज़माना है, टेक्नोलॉजी कहाँ की कहाँ पहुँच गई है, तुम्हारे पास ईमेल आईडी नहीं, तुम्हें पता ही नहीं है कि क्या होती है ईमेल आईडी? मतलब क्या कर रहे हो तुम? और इसे वहीं से रिजेक्ट कर दिया गया।#Motivational Story
ये व्यक्ति वहाँ से बाहर निकला, ये लड़का और बाहर निकलकर के इसने अपनी जेब टटोली। इसके पास में उस दिन 200 रुपये थे। 200 रुपयों से उस दिन इसने एप्पल खरीदे और एप्पल बेचने के लिए उस शहर की कॉलोनीज़ में निकल गया। शाम तक इसने 70 रुपये का प्रॉफ़िट कमाया और इसे समझ में आया कि बॉस, ये काम इंटरेस्टिंग है, किया जा सकता है। 270 रुपये से अगले दिन फिर से एप्पल खरीदे, फिर से अगले दिन एप्पल खरीदे, एप्पल खरीदने लगा, धीरे-धीरे, धीरे-धीरे मंडी में एक छोटी सी दुकान इसकी भी हो गई। उस छोटी सी दुकान को कब इसने बड़ी सी फ्रूट्स की शॉप में बदल दिया, इसे खुद मालूम नहीं चला।#Motivational Story
मेहनत पर मेहनत करते जा रहा था। एक दुकान जब सेटल हो गई थी, जब खरीदार आने लगे थे, कस्टमर्स बढ़ने लगे थे, तो इसने एक और दुकान लगा ली। एक और फ्रूट्स की शॉप हो गई। फिर तीसरी हो गई, चौथी हो गई, उस शहर में इसकी अकेले की सात से आठ शॉप्स खुल चुकी थीं। अब इसे लग रहा था कि इस बिज़नेस को बड़ा करना चाहिए। ये एक दिन अपने गाँव गया, गाँव जाकर के रिश्तेदारों को, दोस्तों को बताया कि बॉस, ये वाला अपना काम चल रहा है शहर में, अगर आप आना चाहो तो आ सकते हो। कुछ और दोस्त इसके साथ हो लिए। इन्होंने धीरे-धीरे दूसरे शहर में जाकर के अपनी दुकानें खोलना शुरू कर दीं और ये धीरे-धीरे एक बड़ा बिजनेसमैन बन गया।#Motivational Story
जब ये बात मीडिया में आई कि दसवीं पास लड़का, गाँव का एक लड़का जो कि शहर में आकर के इतना बड़ा व्यापारी बन गया है, इसका इंटरव्यू करना चाहिए। अलग-अलग चैनल्स वाले लोग पहुँच रहे थे। एक दिन एक मैगज़ीन वाला बंदा पहुँचा इंटरव्यू लेने के लिए, उसने बहुत सारे सवाल किए, संघर्ष के बारे में, कैसे आपने बिज़नेस ग्रो किया, कैसे आपने शॉप्स डालीं, कैसे आपकी पहली शॉप खुली, बहुत सारी बातें हुई और आख़िरी में उसने कहा कि अगर आपके पास ईमेल आईडी हो तो मुझे दे दीजिए, ये इंटरव्यू मैं आपको मेल कर दूँगा।#Motivational Story
जैसे ही इसने कहा, तो जो लड़का बिजनेसमैन बन चुका था, फ्रूट्स का इतना बड़ा व्यापारी था, उसने एक ही जवाब दिया, ध्यान से सुनिएगा। उसने बोला कि मेरे भाई, अगर मेरे पास में ईमेल आईडी होती, तो आज मैं इतना बड़ा बिजनेसमैन नहीं होता। छोटी सी कहानी लाइफ़ में बहुत बड़ी बात सिखाती है। ज़िंदगी में हर किसी के पास अपना टैलेंट है, अपने टैलेंट को पहचानिए, कॉपी करना बंद कीजिए।#Motivational Story
जब आप खुद का काम करेंगे, खुद की क्षमता को पहचान करके काम करेंगे, वो काम असफल हो ही नहीं सकता। आप पास हो करके रहेंगे, इस बात की गारंटी है। आरजे कार्तिक एक बार फिर से आपसे कहेगा, अपनी क्षमता को पहचानिए और कर दिखाइए कुछ ऐसा कि दुनिया करना चाहे आपके जैसा।#Motivational Story
कहानी 11: दोस्त और लस्सी
किसी ने बड़े कमाल की बात कही है कि पूरी धरा, धरा यानी कि सृष्टि, ये पृथ्वी, ये संसार, पूरी धरा भी अगर साथ दे तो कुछ और बात है, पर तू अगर ज़रा भी साथ दे तो कुछ और बात है। यूँ तो चलने को एक पाँव से भी चलते हैं लोग, मगर दूसरा भी साथ दे तो कुछ और बात है। हाय गाइज़, मैं हूँ आरजे कार्तिक, एक छोटी सी कहानी। ये कहानी जिसने लिखी है, वो लिखते हैं कि मैं अपने शहर से दूसरे शहर में जाकर के जॉब कर रहा था,#Motivational Story
लेकिन जब कभी अपने होम-टाउन आता था तो अपने दोस्तों से मिलना नहीं भूलता था। हमारी रीयूनियन होती थी और रीयूनियन के लिए हम जिस जगह पर मिलते थे, वो था हमारे शहर का फ़ेमस लस्सी वाला। छुट्टियों के दिन थे, मैं अपने घर आया हुआ था, मैंने आकर के अपने दोस्तों को कॉल लगाया और बोला कि आ जाओ, अड्डे पर मिलते हैं। लस्सी वाले के यहाँ हम सब पहुँच गए, जाकर के हमने ऑर्डर दे दिया। गर्मियों के दिन थे, बाहर कुर्सियाँ लगी हुई थीं, ऊपर कनात लगी हुई थी, सारे नीचे जाकर के बैठ गए आराम से। लस्सी का ऑर्डर कर दिया, इंतज़ार कर रहे थे कि लस्सी का ग्लास आएगा।#Motivational Story
हँसी-मज़ाक चल रही थी, दोस्ती-यारी की बातें चल रही थीं, तभी मेरे सामने आकर के एक बूढ़ी अम्मा खड़ी हो गईं। 75 से 80 साल उनकी उम्र रही होगी, हाथ में डंडा था, आँखें धँसी हुई थीं, ज़ुबान लड़खड़ा रही थी, कमर झुकी हुई थी, चेहरे पर भूख दिख रही थी और आकर के बस इतना सा बोलीं कि बेटा, ऊपर वाले के नाम पर कुछ दे दे। मेरे आगे आकर के उन्होंने हाथ फैला दिए। मुझसे रहा नहीं गया, पता नहीं क्या हुआ।#Motivational Story
वैसे मैं भिखारियों को भीख नहीं देता हूँ, लेकिन उस दिन पता नहीं क्या हुआ, अपने आप मेरा हाथ वॉलेट की तरफ़ चला गया, मैं सिक्के ढूँढने लगा। फिर पता नहीं दूसरा आइडिया आया, दूसरा ख्याल आया, मैंने वॉलेट अपनी जेब में रख लिया। आप सोच रहे होंगे कि शायद मैंने पैसा नहीं दिया, पैसा मैंने नहीं दिया, लेकिन मैंने उनसे कहा कि दादी जी, क्या आप लस्सी पिएँगी? और जैसे ही मैंने दादी जी कहा, उनके चेहरे पर एक छोटी सी मुस्कान आ गई। मेरे दोस्त पीछे से देखने लगे कि यार ये क्या कर रहा है? मतलब पाँच रुपये, तीन रुपये, सात रुपये में बात खत्म हो जाएगी, दस रुपये में बात खत्म हो जाएगी।#Motivational Story
सिक्के देकर फ़्री कर, लस्सी पिला रहा है 30 रुपये की। मतलब दोस्तों को शायद ऐसा लग रहा होगा कि मैं गरीब हो जाऊँगा, वो मुझे ठग करके चली जाएँगी। लेकिन फिर मैंने फिर से पूछा कि दादी जी, क्या आप लस्सी पिएँगी? दादी जी ना-नुकुर करते हुए धीरे से हाँ उन्होंने भर दी और उनकी हाँ को देखकर मुझे लगा, उनको सुनकर के मुझे लगा कि ये बहुत दिनों से भूखी हैं। पता नहीं क्या हुआ, मैंने ज़ोर से आवाज़ लगाई कि भैया, एक लस्सी और।#Motivational Story
दादी जी दूर जाकर के खड़ी हो गईं। फिर से वापस मेरे पास आईं, अपनी पोटली में से कुछ सिक्के निकाले और बोली कि बेटा ये पाँच-सात रुपये हैं, आप जो पेमेंट करोगे, उसमें ये पैसे मिला लेना। मेरे चेहरे पर सारे भाव उड़ गए, मेरे आँखों में जैसे आँसू सूख गए। ऐसा मुझे लगा कि मैं सुन्न रह गया। उन्होंने मुझे पैसे देने की बात कर दी। मैंने उनसे कहा कि माता जी माफ कीजिए, आप जाकर के बैठिए अभी लस्सी आ रही है। लस्सी वाला आया, लड़का, नौकर आकर के उसने सबको ग्लासेज़ दे दिए, उनको भी ग्लास दे दिया। अब वो दूर जाकर के बैठ गईं, नीचे ज़मीन पर।#Motivational Story
हम सब कुर्सियों पर बैठे हुए थे। अब वो कुर्सी मुझे काटने लगी कि मैं यहाँ बैठा हुआ हूँ, वो नीचे बैठी हुई हैं। मन तो ऐसा कर रहा था कि उनको बुलाऊँ, अपने बगल की कुर्सी में बैठाऊँ, लेकिन फिर लग रहा था कि लोग सोचेंगे कि अजीब आदमी है, मतलब भीख माँगने वाली महिला को यहाँ बैठा रहा है, ये कर रहा है, वो कर रहा है। फिर दूसरा ख्याल आया, मैं उठा अपनी सीट से और जाकर के उनके पास जाकर के नीचे ज़मीन पर बैठ गया।#Motivational Story
दोस्त देख रहे थे कि ये क्या हरकत कर रहा है। तभी वो जो लस्सी वाला जो था, दुकान वाला, वो बोला कि सर जी धन्यवाद मत कहिएगा, क्योंकि मेरी दुकान में ग्राहक तो हमेशा आते हैं, लेकिन इंसान कभी-कभार आते हैं। आज आपने यहाँ आकर के ये सब करके मेरी आँखें खोल दीं, मुझे बहुत बड़ी बात सिखा दी। अब से मैं कोशिश करूँगा कि मेरी दुकान के आसपास अगर कोई ऐसा दिखे तो उसे मैं फ़्री में लस्सी पिलाऊँ। छोटी सी कहानी लाइफ़ में बहुत बड़ी बात सिखाती है।#Motivational Story
मदद करते चलिए, मुस्कान बाँटते चलिए। अगर आपको ऊपर वाले ने इस काबिल बनाया है कि आप किसी की मदद कर सकें, तो मदद करने से पीछे मत हटिए। कई लोग कहते हैं कि भिखारियों को भीख नहीं देनी चाहिए, पैसा मत दीजिए, लेकिन अगर आपको कोई गरीब आदमी दिख रहा है तो उसे भोजन ज़रूर करवाइए। वो कहते हैं ना कि कब ऊपर वाला आपको किसी का ऊपर वाला बना करके भेज दे, आपको भी मालूम नहीं चलेगा। लोगों की दुआएँ कमाना बहुत मुश्किल है। पैसे तो हर कोई कमाता है, दुआएँ कमाइए, दुआओं के साथ कर दिखाइए कुछ ऐसा कि दुनिया करना चाहे आपके जैसा।#Motivational Story