MATLABI SHAYARI

100+ EMOTIONAL MATLABI SHAYARI / MATLABI SHAYARI IN HINDI | 100+ भावनात्मक मतलबी शायरी / मतलबी शायरी इन हिंदी

 

मतलबीशायरी / MATLABI SHAYARI: हम आज MATLABI SHAYARI की पोस्ट लाये हैं, मतलबी शायरी वह शायरी है जो किसी रिश्ते में धोखा खाने के एहसास को ज़ाहिर करने में मदद करती है | ऐसे दिल टूटने वाले एक्सपीरियंस से जो दूसरों पे विश्वास टूटने और एक दुनिया की असलियत पर प्रकाश डालती है। मतलबी शायरी व्यक्तियों को अपने आंतरिक उथल-पुथल को व्यक्त करने और भाषा की शक्ति में सांत्वना खोजने का एक शानदार अवसर प्रदान करती है। यह पोस्ट उन कठोर दिल मतलबी लोगों के लिए है जो किसी को धोका देना गलत नहीं समझे बल्कि उनके विश्वास का फायदा उठा कर अपनी ज़िन्दगी में आगे भड़ गए।

 MATLABI SHAYARI
MATLABI SHAYARI

तेरी याद आती है तो दिल में आग सी लगती है,
फिर भी तुझे भूलने की कोशिश नहीं करता।
क्या करूँ, तेरी मोहब्बत में यूँ उलझा हूँ,
कि नफरत भी करूँ तो प्यार ही होता है।

टूटे दिल की दास्तां, कलम से बयां होती है,
जो कहा न जा सका, वो शायरी में छुपा होता है।
विश्वास की डोर टूटी, पर हिम्मत नहीं हारी,
हर धोखे से सीख मिली, ज़िंदगी की पाठशाला है।
दर्द को समझा, अनुभव से सीखा,
अब हर कदम सोच-समझकर रखना सीखा।”

MATLABI SHAYARI

नफरत हो गई है
अब मुझे इंसानों से
मतलबी जमाने से
और फरेबी लोगो से ..!

मतलबी रिश्तों की लगभग एक सी ही कहानी है ,
अच्छे वक्त में खूबियाँ ,
और बुरे वक्त में कमियां गिनानी है |

घड़ा भी पहले अपनी प्यास बुझाता है ,
कौन है यहां जो मतलबी नही है ।

अभी मतलबी होने ही जा रहे थें ,
के तभी मेरी बदनसीबी मुझे याद आ गयी ।

दुनिया की भीड़ में एक तन्हा सी रूह हूँ ,
चेहरे कई है मेरे जनाब
तभी तो हँसता बहुत खूब हूँ ..!!

दोस्त हम भी उनके प्यारे ही थे ,
जब तक हम उनके काम आते थे ।

 

लोग भी बड़े मतलबी होते है ,
जब हो जरूरतें तो पास आते है ,
वर्ना जरूरतें ख़त्म होने पर ,
आपको छोड़ जाते हैं ।

MATLABI SHAYARI

खर्च कर दिया खुद को कुछ मतलबी लोगों पर
जो हमेशा मेरे साथ थे बस मतलब के लिए ।।

दुनिया मे सबको दरारो मे से
झाक ने की आदत है ,
दरवाजे खुले रख दो ,
कोई आस पास भी नही दिखेगा |

 

आज गुमनाम हूँ तो ज़रा फासला रख मुझ से ,
कल फिर मशहूर हो जाऊँ
तो कोई रिश्ता निकाल लेना ..!!

 

खर्च कर दिया खुद को ,
कुछ मतलबी लोगों पर ,
जो हमेशा मेरे साथ थे ,
सिर्फ मतलब के लिए ।

MATLABI SHAYARI

वक़्त , मौसम और लोग
सबकी एक सी फितरत होती है
कौन , कब कहाँ बदल जाये
पता ही नहीं चलता .

जिन लोगों के प्यार में मतलब भरा होता है ….
उनकी मुलाकातों में मकसद भरा होता है ….

मैं चाँद और सितारों में भी हूँ
जब रात अंधेरी छा जाए
नूर सभी को देते हैं तारे
देखता हूँ तो चमकते हैं तारे

मैं बहार और खिज़ाँ में भी हूँ
जब मौसम अपना रंग दिखाए
रूप सभी का बदलते हैं पत्ते
महसूस करूँ तो झड़ते हैं पत्ते

मैं किताब और कलम में भी हूँ
जब कोई नया ख्याल आए
शब्द सभी को लिखते हैं पन्ने
पढ़ता हूँ तो बिखरते हैं पन्ने

मैं धूप और छाँव में भी हूँ
जब दोपहर तपती जाए
राहत सभी को देती है छाया
बैठता हूँ तो मिलती है छाया

MATLABI SHAYARI

मैं नदी और सागर में भी हूँ
जब पानी अपना रास्ता पाए
लहर सभी को बहाती है किनारे
देखता हूँ तो टकराते हैं किनारे

MATLABI SHAYARI

मैं आग और राख में भी हूँ जब ज्वाला अपना रूप दिखाए गर्मी सभी को देती है चिंगारी देखता हूँ तो बिखरती है राख

मैं बादल और बारिश में भी हूँ जब आसमान अपना रंग बदलाए बूँदें सभी को भिगोती हैं धरती बरसता हूँ तो हरियाली छा जाए

मैं दिल और धड़कन में भी हूँ जब प्यार अपना जादू दिखाए ताल सभी का बदलता है सीने में सुनता हूँ तो तेज़ चलता है दिल

मैं फूल और खुशबू में भी हूँ जब बाग अपनी सुंदरता बिखराए रंग सभी को मोहता है कलियों का महकता हूँ तो खिलते हैं गुलाब

मैं सूरज और चाँद में भी हूँ जब आसमान अपना रूप बदलाए रोशनी सभी को देते हैं ग्रह-तारे निकलता हूँ तो चमकता है जहाँ

मैं किताब और कलम में भी हूँ जब ज्ञान अपना द्वार खोले शब्द सभी को सिखाते हैं पन्ने लिखता हूँ तो उभरते हैं विचार

मैं हवा और साँस में भी हूँ जब प्राण अपना तान दिखाए ऑक्सीजन सभी को देती है वायु बहता हूँ तो जीवन चलता है

मैं पेड़ और जड़ों में भी हूँ जब धरती अपना स्नेह बरसाए छाया सभी को देते हैं वृक्ष फैलता हूँ तो हरियाली बढ़ती है

मैं मुस्कान और आँसू में भी हूँ जब भावनाएँ अपना रंग दिखाएँ खुशी सभी को देती है मुस्कान रोता हूँ तो बहते हैं आँसू

मैं सपने और हकीकत में भी हूँ जब ज़िंदगी अपना खेल दिखाए उम्मीद सभी को देते हैं सपने जागता हूँ तो सामने है यथार्थ

मैं धरती और आकाश में भी हूँ जब प्रकृति अपना चक्र चलाए जीवन सभी को देती है पृथ्वी उड़ता हूँ तो छूता हूँ आसमान

मैं शब्द और मौन में भी हूँ जब भाषा अपना जादू दिखाए अर्थ सभी को देते हैं वाक्य चुप रहता हूँ तो गूँजता है सन्नाटा

मैं युद्ध और शांति में भी हूँ जब इतिहास अपना पाठ पढ़ाए क्षति सभी को देता है संघर्ष समझता हूँ तो मिलती है शांति

मैं जन्म और मृत्यु में भी हूँ जब काल अपना नियम बताए आशा सभी को देता है जन्म जाता हूँ तो छोड़ जाता हूँ याद

मैं रंग और कैनवास में भी हूँ जब कला अपना सौंदर्य बिखेरे आकार सभी को देते हैं रंग उकेरता हूँ तो बनती है तस्वीर

मैं सुर और ताल में भी हूँ जब संगीत अपना जादू जगाए लय सभी को बाँधती है धुन में गाता हूँ तो झूमते हैं श्रोता

मैं प्रेम और विरह में भी हूँ जब हृदय अपना भाव दिखाए सुख सभी को देता है मिलन बिछड़ता हूँ तो तड़पता है दिल

मैं ऊँचाई और गहराई में भी हूँ जब प्रकृति अपना विस्तार दिखाए आकर्षण सभी को देते हैं पर्वत डूबता हूँ तो मिलता है मोती

मैं इतिहास और भविष्य में भी हूँ जब समय अपना प्रवाह बहाए सीख सभी को देता है अतीत सोचता हूँ तो बनता है कल

मैं हँसी और आँसू में भी हूँ जब जीवन अपने रंग दिखाए खुशी सभी को देती है हँसी रोता हूँ तो निकलते हैं दर्द

मैं सत्य और मिथ्या में भी हूँ जब ज्ञान अपना प्रकाश फैलाए मुक्ति सभी को देता है सच छुपता हूँ तो फैलता है भ्रम

मैं आशा और निराशा में भी हूँ जब मन अपने भाव उछाले उत्साह सभी को देती है आशा टूटता हूँ तो मिलती है शिक्षा

मैं स्वर और मौन में भी हूँ जब संगीत अपनी धुन सुनाए आनंद सभी को देते हैं स्वर थमता हूँ तो गूँजता है सन्नाटा

मैं किरण और अंधकार में भी हूँ जब सूर्य अपना तेज दिखाए प्रकाश सभी को देती है किरण छिपता हूँ तो छाती है रात

मैं जीत और हार में भी हूँ जब जीवन अपना खेल खेले उत्साह सभी को देती है जीत हारता हूँ तो मिलती है सीख

 

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