Pravah Portal

Pravah Portal / प्रवाह पोर्टल

Pravah Portal

Pravah Portal के माध्यम से अब फोन से सरकारी सिक्योरिटीज (G -Sec) खरीद भेज सकेंगे

आरबीआई ने मोबाइल एप प्रवाह पोर्टल लॉन्च किया

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने रेगुलेटरी प्रोसेस को बढ़ाने, रिटेल निवेशको सुविधाजनक बनाने और फिनटेक सेक्टर पर व्यापक डाटा प्रदान करने के लिए तीन प्रमुख पहल शुरू की है इसके तहत आरबीआई ने मंगलवार को प्रवाह पोर्टल आरबीआई रिटेल डायरेक्ट में मोबाइल एप्लीकेशन और फिनटेक रिपोजिटरी पहल को लांच किया

रिटेल डायरेक्ट मोबाइल एप(Pravah Portal ):

इसे रिटेल निवेश को आसान पहुंच प्रदान करने के लिए डिजाइन किया गया है इससे भी सीधे अपने स्मार्टफोन से सरकारी सिक्योरिटीज (G-SEC) खरीद और बेच सकेंगे या एंड्रॉयड और IOS दोनों पर उपलब्ध है यह प्राइमरी और सेकेंडरी बाजारों में लेनदेन को सरल बनता है

प्रवाह पोर्टल (Pravah Portal )

प्रवाह पोर्टल एक सुरक्षित सेंट्रलाइज्ड वेब आधारित प्लेटफार्म है इसमें ऑनलाइन एप्लीकेशन जमा करने ट्रैकिंग और समय पर निर्णय लेने की सुविधा है

फिनटेक रिपोजिटरी 

फिनटेक रिपोजिटरी  का उद्देश्य भारतीय फिनटेक फार्मो पर व्यापक डाटा प्रदान करना है बेहतर नियामक समझ और नीति निर्माण की सुविधा प्रदान करना है

G-Sec  क्या है

बाजार में कई तरह के निवेशक हैं कुछ रिस्क उठाना  पसंद करते हैं तो कुछ का एप्रोच डिफेंसिव होता है कम जोखिम वाले हैं एसेट में सबसे सुरक्षित असेट गवर्नमेंट सिक्योरिटीज है जीने G-Sec के नाम से भी जाना जाता है /Pravah Portal 

सुरक्षित है निवेश

आरबीआई द्वारा 2021 में गवर्नमेंट सिक्योरिटीज में व्यापार करने के लिए आरबीआई रिटेल डायरेक्ट नामक एक योजना शुरू करने के बाद G-Sec की लोकप्रियता में काफी वृद्धि हुई थी मनी एक्सपर्ट निवेशकों को दी जाने वाली सांवरेन  गारंटी और रिटर्न की गारंटी के लिए G-Sec में निवेश की सलाह देते हैं

कैसे निवेश करें निवेशकों को आरबीआई रिटेल डायरेक्ट योजना के आधार पर डायरेक्ट गिल्ट खाता खोलना होते हैं या निवेश को द्वारा सरकारी सिक्योरिटीज में निवेश की सुविधा के लिए वन स्टॉप समाधान है इस योजना के तहत व्यक्तिगत खुदरा निवेश आरबीआई के साथ खोल सकते है ।

आरबीआई (RBI) के बारे मे 

आरबीआई (भारतीय रिज़र्व बैंक) भारत का केंद्रीय बैंक है। यह देश की मौद्रिक नीति, मुद्रा जारी करने और बैंकिंग क्षेत्र के नियमन के लिए जिम्मेदार है। आरबीआई का मुख्यालय मुंबई में स्थित है।

महत्वपूर्ण बिंदु:

  1. स्थापना: आरबीआई की स्थापना 1 अप्रैल 1935 को रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया अधिनियम, 1934 के तहत हुई थी। / Pravah Portal
  2. प्रमुख कार्य: मौद्रिक नीति का संचालन, मुद्रा जारी करना, विदेशी मुद्रा भंडार का प्रबंधन, बैंकों का विनियमन और पर्यवेक्षण, भुगतान और निपटान प्रणाली का संचालन आदि।
  3. मौद्रिक नीति समिति (MPC): यह 6 सदस्यीय समिति द्वारा मौद्रिक नीति का निर्धारण किया जाता है, जिसमें RBI गवर्नर, डिप्टी गवर्नर और 4 बाहरी सदस्य शामिल होते हैं।
  4. बैंकों का बैंक: आरबीआई अन्य बैंकों के लिए बैंकर के रूप में कार्य करता है। वह बैंकों को ऋण देता है और उनके जमा खातों को बनाए रखता है।
  5. सरकार का बैंकर: आरबीआई केंद्र और राज्य सरकारों का बैंकर है। वह सरकार के खातों को बनाए रखता है और उनकी ओर से भुगतान करता है।
  6. वित्तीय स्थिरता: आरबीआई देश की वित्तीय स्थिरता सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। /Pravah Portal

फिनटेक  (Fintech )

फिनटेक (FinTech) वित्तीय प्रौद्योगिकी (Financial Technology) का संक्षिप्त रूप है। यह वित्तीय सेवाओं और उत्पादों में नवीन तकनीकी समाधानों के उपयोग को संदर्भित करता है।

फिनटेक का उद्देश्य वित्तीय सेवाओं को अधिक सुलभ, कुशल और उपयोगकर्ता के अनुकूल बनाना है। यह परंपरागत वित्तीय सेवाओं को चुनौती देने और उन्हें बेहतर बनाने के लिए प्रौद्योगिकी का लाभ उठाता है।

फिनटेक के कुछ उदाहरण:

  1. डिजिटल बैंकिंग: मोबाइल ऐप और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के माध्यम से बैंकिंग सेवाएं प्रदान करना।
  2. भुगतान प्रणाली: डिजिटल वॉलेट, मोबाइल भुगतान, क्रिप्टोकरेंसी आदि जैसे नए भुगतान तरीके।
  3. ऋण और वित्तपोषण: पीयर-टू-पीयर (P2P) लेंडिंग, क्राउडफंडिंग और डिजिटल ऋण मंच।
  4. निवेश प्रबंधन: रोबो-सलाहकार, ऑनलाइन निवेश मंच और सामाजिक व्यापार प्लेटफॉर्म।
  5. बीमा: ऑनलाइन बीमा मंच, व्यवहार-आधारित बीमा और माइक्रो-इंश्योरेंस।
  6. रेगटेक (RegTech): अनुपालन और नियामक आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए तकनीकी समाधान।

फिनटेक स्टार्टअप्स और स्थापित वित्तीय संस्थान दोनों द्वारा प्रौद्योगिकी के उपयोग को बढ़ावा दिया जा रहा है। यह वित्तीय समावेशन में वृद्धि करने, लेनदेन लागत को कम करने और उपभोक्ताओं को बेहतर सेवाएं प्रदान करने में मदद करता है।

आरबीआई रिटेल डायरेक्ट योजना

आरबीआई रिटेल डायरेक्ट योजना भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा शुरू की गई एक पहल है, जो व्यक्तिगत निवेशकों को सीधे सरकारी प्रतिभूतियों (G-Sec) में निवेश करने की अनुमति देती है। यह योजना नवंबर 2021 में शुरू की गई थी।

मुख्य विशेषताएं:

  1. सीधा निवेश: निवेशक बिना किसी बिचौलिए के सीधे आरबीआई के साथ सरकारी प्रतिभूतियों में निवेश कर सकते हैं।
  2. गिल्ट खाता: निवेशकों को आरबीआई के साथ ‘रिटेल डायरेक्ट गिल्ट’ (RDG) खाता खोलना होगा। / Pravah Portal
  3. ऑनलाइन पोर्टल: निवेशक ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से प्राथमिक नीलामी में भाग ले सकते हैं और द्वितीयक बाजार में G-Sec खरीद और बेच सकते हैं।
  4. न्यूनतम निवेश: प्राथमिक नीलामी के लिए न्यूनतम निवेश राशि 10,000 रुपये और द्वितीयक बाजार लेनदेन के लिए 10,000 रुपये है।
  5. कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं: निवेशकों को कोई अतिरिक्त शुल्क या चार्ज नहीं देना पड़ता है।
  6. संभावित उच्च रिटर्न: G-Sec निवेश पर कोई चूक जोखिम नहीं होता है और अन्य निवेश विकल्पों की तुलना में अच्छा रिटर्न मिलने की संभावना होती है।
  7. ऑनलाइन प्रक्रिया: खाता खोलने और निवेश करने की प्रक्रिया पूरी तरह से ऑनलाइन है।/ Pravah Portal

यह योजना भारत में खुदरा निवेशकों को G-Sec बाजार तक पहुंच प्रदान करके वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देने के लिए डिज़ाइन की गई है। यह निवेशकों को सुरक्षित और भरोसेमंद निवेश विकल्प भी प्रदान करती है।

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