भारत और विश्व की भाषाएँ / Languages of India and the World
भारत की भाषाएं:
भारत में लगभग 19,500 से अधिक भाषाएं और बोलियां बोली जाती हैं, जो 4 प्रमुख भाषा परिवारों से संबंधित हैं – इंडो-आर्यन, द्रविड़, ऑस्ट्रो-एशियाई और सिनो-तिब्बती। इंडो-आर्यन परिवार सबसे बड़ा है, जिसमें हिंदी, बंगाली, मराठी, पंजाबी आदि शामिल हैं। द्रविड़ परिवार में तमिल, तेलुगु, मलयालम, कन्नड़ आदि शामिल हैं।
शास्त्रीय भाषाएं: कुछ प्राचीन भाषाओं को “शास्त्रीय” भाषाओं के रूप में माना जाता है, क्योंकि उनका एक समृद्ध साहित्यिक इतिहास और विशिष्ट लिपि प्रणाली है। संस्कृत, तमिल, तेलुगु, कन्नड़, मलयालम और ओडिया भारत की शास्त्रीय भाषाएं हैं।
विश्व की भाषाएं:
दुनिया भर में लगभग 7,000 भाषाएं बोली जाती हैं, जो विभिन्न भाषा परिवारों से संबंधित हैं। इनमें से कुछ प्रमुख भाषा परिवार हैं – इंडो-यूरोपीय, अफ्रो-एशियाई, ओस्ट्रेलियाई, ड्रेविडियन, आदि। अंग्रेजी, स्पेनिश, हिंदी, अरबी, मनन्डरिन चीनी, विश्व की सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषाओं में से कुछ हैं।
शास्त्रीय भाषाओं की कुछ विशेषताएं इस प्रकार हैं:
- उनका प्राचीन साहित्य और लेखन परंपरा होती है।
- उनकी अपनी विशिष्ट लिपि और व्याकरण प्रणाली होती है।
- वे अक्सर पवित्र धार्मिक ग्रंथों की भाषाएं होती हैं।
- उनमें उच्च स्तर की द्विजिह्वाता (डिग्लोसिया) होती है, जहां शास्त्रीय भाषा और बोलचाल की भाषा अलग होती हैं।
इस प्रकार, भारत और विश्व की भाषाएं एक समृद्ध विरासत और विविधता प्रदर्शित करती हैं। इनके संरक्षण और संवर्द्धन के लिए समुदायों और सरकारों द्वारा प्रयास किए जा रहे हैं।
हिंदी भाषा
हिंदी एक इंडो-आर्यन भाषा है जो देवनागरी लिपि में लिखी जाती है। यह भारत की सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है और देश के बहुत से हिस्सों में मुख्य भाषा है।
- वैधानिक स्थिति: संविधान के अनुच्छेद 343 के अनुसार, हिंदी देवनागरी लिपि में भारत सरकार की एक आधिकारिक भाषा है। हालांकि, भारत की कोई राष्ट्रीय भाषा नहीं है।
- आधिकारिक राज्य: हिंदी आधिकारिक भाषा है बिहार, छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, झारखंड, मध्य प्रदेश, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और केंद्र शासित प्रदेश दिल्ली, दादरा और नगर हवेली में।
- इतिहास: हिंदी का विकास खड़ी बोली शैली से हुआ, जो प्राचीन अपभ्रंश से आई थी। यह दिल्ली के सामंती शासकों द्वारा बोली जाने वाली भाषा थी और बाद में मुगल साम्राज्य की राजकीय भाषा बन गई।
अंग्रेजी भाषा
अंग्रेजी भाषा इंडो-यूरोपीय भाषा परिवार की जर्मेनिक शाखा से संबंधित है। यह विश्व की सबसे अधिक बोली और समझी जाने वाली भाषा है।
- वैश्विक स्तर: अंग्रेजी लगभग 60 देशों में आधिकारिक भाषा है और 100 से अधिक देशों में व्यापक रूप से बोली और समझी जाती है।
- भारत में स्थिति: भारत में अंग्रेजी को संविधान द्वारा एक आधिकारिक भाषा के रूप में मान्यता प्राप्त है। यह व्यापक रूप से शिक्षा और व्यापार के क्षेत्रों में उपयोग की जाती है।
- बहुराष्ट्रीय भाषा: अंग्रेजी को विभिन्न क्षेत्रों जैसे अंतरराष्ट्रीय व्यापार, विज्ञान, कंप्यूटिंग, सार्वजनिक प्रशासन और कूटनीति में एक बहुराष्ट्रीय भाषा के रूप में माना जाता है।
मंदारिन चीनी
मंदारिन चीनी भाषा चीनी-तिब्बती भाषा परिवार से संबंधित है और यह दुनिया की दूसरी सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है।
- भौगोलिक प्रसार: यह चीन, ताइवान और सिंगापुर की आधिकारिक भाषा है। इसके अलावा, यह म्यांमार, मलेशिया और अन्य पड़ोसी देशों में भी बोली जाती है।
- बोलने वालों की संख्या: मंदारिन के लगभग 1.3 अरब बोलने वाले हैं, जो इसे दुनिया की सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा बनाता है।
- लिपि प्रणाली: मंदारिन में लिपि का उपयोग चीनी लिपि चरित्रों (हामा) का होता है, जिनकी मूल शब्द चित्रात्मक होते हैं।
उर्दू भाषा
उर्दू एक इंडो-आर्यन भाषा है जिसे मुख्य रूप से दक्षिण एशिया में बोला जाता है। यह अरबी अल्फ़ाबेट में लिखी जाती है।
- राष्ट्रीय भाषा: उर्दू पाकिस्तान की राष्ट्रीय भाषा और लोकभाषा है। यह वहां अंग्रेजी के साथ एक आधिकारिक भाषा भी है।
- भारत में स्थिति: भारत में, उर्दू एक आठवीं अनुसूची की भाषा है और कई राज्यों में आधिकारिक भाषा के रूप में भी मान्यता प्राप्त है।
- बोलियां: उर्दू की कुछ प्रमुख बोलियां दखनी, रेख्ता और आधुनिक वर्नाक्युलर उर्दू (दिल्ली की खड़ी बोली पर आधारित) हैं।
सरायकी भाषा
- सरायकी एक इंडो-आर्यन भाषा है जो पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के दक्षिण-पश्चिमी हिस्सों में बोली जाती है।
- यह क्षेत्र सिंध, बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा प्रांतों के निकट फैला हुआ है।
- सरायकी का संबंध पंजाबी और हिंदी भाषाओं से है।
- इसके अपने लिपि और साहित्यिक परंपरा है।
अरबी भाषा
- अरबी एक सेमिटिक भाषा है जो उत्तरी अफ्रीका, अरब प्रायद्वीप और मध्य-पूर्व में बोली जाती है।
- यह 26 देशों में आधिकारिक भाषा के रूप में मान्यता प्राप्त है।
- इस्लाम धर्म और अरब संस्कृति से गहरा जुड़ाव है।
- अरबी अल्फ़ाबेट में लिखी जाती है और दाएं से बाएं लिखी जाती है।
स्पेनिश भाषा
- स्पेनिश इंडो-यूरोपीय भाषा परिवार की रोमांस शाखा से संबंधित है।
- यह दुनिया की दूसरी सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है।
- स्पेन, मैक्सिको, कोलंबिया, अर्जेंटीना आदि देशों में व्यापक रूप से बोली और समझी जाती है।
- लैटिन अमेरिका में यह सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है।
प्राचीन मेसोपोटामिया की भाषाएं
- सुमेरियन, बेबीलोनियन और असीरियन (अक्कादियन) प्राचीन मेसोपोटामिया की प्रमुख भाषाएं थीं।
- ये क्यूनिफॉर्म लिपि में लिखी जाती थीं, जिसे 1850 के दशक में विद्वानों द्वारा पढ़ा गया था।
- एमोराइट और बाद में अरामीक भी इस क्षेत्र की प्रमुख भाषाएं थीं।
अंगामी भाषा
- अंगामी एक नागा भाषा है जो भारत के पूर्वोत्तर राज्य नागालैंड में बोली जाती है।
- इसे कोहिमा जिले की नागा पहाड़ियों में बोला जाता है।
- यह तिब्बती-बर्मा भाषा परिवार से संबंधित है।
कुई भाषा
- कुई एक दक्षिण-पूर्वी द्रविड़ भाषा है जिसे ओडिशा राज्य में कोंडॉ जनजाति द्वारा बोला जाता है।
- इसे उड़िया लिपि में लिखा जाता है।
- इसका गोंडी और कुवि भाषाओं से निकट संबंध है।
कोरकू भाषा
- कोरकू एक ऑस्ट्रोएशियाटिक भाषा है जिसे मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के कोरकू जनजाति द्वारा बोला जाता है।
- यह भारत की आदिवासी भाषाओं में से एक है।
हल्बी भाषा
- हल्बी एक इंडो-आर्यन भाषा है जिसे मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, ओडिशा और आंध्र प्रदेश के कुछ हिस्सों में बोला जाता है।
- इसे भारत की पहाड़ी बोलियों में शामिल किया जाता है।
शिमला की पहाड़ी बोलियां
- सिरमौरी और क्योंथली शिमला क्षेत्र में बोली जाने वाली प्रमुख पहाड़ी बोलियां हैं।
- हिमाचल प्रदेश में कुछ अन्य पहाड़ी बोलियां चंबियाली, चुराही, मांडली, हिमाचली और कुलुही हैं।
- ये सभी इंडो-आर्यन भाषा परिवार की शाखाएं हैं।
मुंडारी भाषा
- मुंडारी एक ऑस्ट्रोएशियाटिक भाषा परिवार की मुंडा भाषा है जो पूर्वी भारतीय राज्यों झारखंड, ओडिशा और पश्चिम बंगाल में मुंडा जनजातियों द्वारा बोली जाती है।
- इसका संथाली भाषा से गहरा संबंध है।
- मुंडारी बानी, मुंडारी लिखने के लिए एक विशेष लिपि है जिसका आविष्कार रोहिदास सिंह नाग ने किया था।
पंजाबी भाषा
- पंजाबी एक इंडो-आर्यन भाषा है।
- यह पंजाब क्षेत्र के साथ-साथ हिमाचल प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और जम्मू के कुछ हिस्सों में भी लोकप्रिय है।
डोगरी भाषा
- डोगरी एक इंडो-आर्यन भाषा है जो इंडो-यूरोपीय भाषा परिवार से संबंधित है।
- यह मुख्य रूप से भारत के जम्मू और कश्मीर केंद्रशासित प्रदेश, हिमाचल प्रदेश और पंजाब के कुछ हिस्सों में बोली जाती है।
असमिया भाषा
- असमिया, जिसे असमी भी कहा जाता है, एक इंडो-आर्यन भाषा है।
- यह मुख्य रूप से उत्तर-पूर्वी भारतीय राज्य असम में बोली जाती है, जहां यह एक आधिकारिक भाषा है।
- यह भारत के पड़ोसी राज्यों पश्चिम बंगाल, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश और बांग्लादेश, भूटान में भी बोली जाती है।
कर्नाटक की भाषाएं
- हक्की, पिक्की और सिद्दी कर्नाटक की भाषाएं हैं जो गंभीर रूप से संकटग्रस्त हैं।
- ये भाषाएं कोंकणी, कन्नड़ और हिंदी का मिश्रण हैं।
- कन्नड़ कर्नाटक की आधिकारिक भाषा है।
मलयालम भाषा
- मलयालम एक द्रविड़ भाषा है जो केरल राज्य और लक्षद्वीप तथा पांडिचेरी केंद्रशासित प्रदेशों में मलयाली लोगों द्वारा बोली जाती है।
- केरल में इसे आधिकारिक भाषा का दर्जा प्राप्त है और यह लक्षद्वीप की प्राथमिक बोली है।
- 2013 में मलयालम को ‘भारत की शास्त्रीय भाषा’ के रूप में नामित किया गया था।
- मलयालम की प्रमुख बोलियों में नंबूदरी, नायर, अरबी मलयालम, पुलाया और नसरानी शामिल हैं।
तमिल भाषा
- तमिल द्रविड़ भाषा परिवार की सदस्य है और मुख्य रूप से भारत में बोली जाती है।
- यह तमिलनाडु राज्य और पुडुचेरी केंद्रशासित प्रदेश की आधिकारिक भाषा है।
- यह श्रीलंका और सिंगापुर में भी एक आधिकारिक भाषा है तथा मलेशिया, मॉरीशस, फिजी और दक्षिण अफ्रीका में भी बोली जाती है।
- 2004 में तमिल को भारत की ‘शास्त्रीय भाषा’ घोषित किया गया था।
- भारत में तमिल की कुछ प्रमुख बोलियां हैं – मध्य तमिल, कोंगु तमिल, मद्रास बशाई, मदुरई तमिल, नेल्लई तमिल, कुमारी तमिल।
तेलुगु भाषा
- तेलुगु द्रविड़ भाषा परिवार की सबसे प्रमुख भाषा है।
- यह मुख्य रूप से दक्षिण-पूर्वी भारत में बोली जाती है और आंध्र प्रदेश तथा तेलंगाना राज्यों की आधिकारिक भाषा है।
तमिलनाडु की आदिवासी भाषाएं
- एरावल्ला, कादर और मुदुवर तमिलनाडु राज्य में जनजातियों द्वारा बोली जाने वाली द्रविड़ भाषाएं हैं।
द्रविड़ भाषा परिवार
- द्रविड़ भाषाएं मुख्य रूप से दक्षिण एशिया में बोली जाने वाली लगभग 70 भाषाओं का परिवार है।
- ये भाषाएं दक्षिण, दक्षिण-मध्य केंद्र और उत्तर के समूहों में विभक्त हैं, जिन्हें आगे 24 उपसमूहों में विभाजित किया गया है।
अरुणाचल प्रदेश की भाषाएं
- न्यिशी, अपातानी, बोकार, गालो, तागिन और आदि अरुणाचल प्रदेश में व्यापक रूप से बोली जाने वाली तानी बोली (तिब्बती-बर्मन भाषा प्रकार) की भाषाएं हैं।
- राज्य के पूर्वी भाग में इडु मिश्मी भाषा व्यापक रूप से बोली जाती है।
- पश्चिम और उत्तर में लोग बोडिक भाषा बोलते हैं।
राजभाषाएं और अनुसूचित भाषाएं
- संविधान के अनुसार, भारत में कोई राष्ट्रीय भाषा नहीं है, हालांकि हिंदी और अंग्रेजी आधिकारिक भाषाएं हैं।
- प्रथम राजभाषा आयोग की स्थापना 1955 में श्री बी.जी. खेर के नेतृत्व में की गई थी।
- संविधान की 8वीं अनुसूची में 22 भाषाएं शामिल हैं – असमी, बंगाली, बोडो, डोगरी, गुजराती, हिंदी, कन्नड़, कश्मीरी, कोंकणी, मैथिली, मराठी, मलयालम, मैतेई (मणिपुरी), नेपाली, उड़िया, पंजाबी, संस्कृत, संथाली, सिंधी, तमिल, तेलुगु और उर्दू।
राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की आधिकारिक राजभाषाओं के अलावा, वे कई अन्य क्षेत्रीय और प्रादेशिक भाषाओं का भी घर हैं। यहां उनकी विस्तृत जानकारी दी गई है:
आंध्र प्रदेश की राजभाषा तेलुगु है, लेकिन राज्य में उर्दू, हिंदी, तमिल, मराठी, कन्नड़, उड़िया, लम्बाडी, कोया, सवारा, कोंडा और गदाबा भी बोली जाती हैं।
अरुणाचल प्रदेश की आधिकारिक भाषा अंग्रेजी है, लेकिन निशि, आदि, बंगाली, नेपाली, हिंदी, टैगिन, भोटिया, वांचो, असमिया, चकमा, अपतानी, मिश्मी, तांगसा, नोक्टे और सादरी भी प्रमुख भाषाएं हैं।
असम में असमिया राजभाषा है, लेकिन बंगाली, हिंदी, बोडो, नेपाली, सदरी, मिशिंग, और कार्बी तैई भाषाएं (तैई फाके, तैई एटन, खम्यांग, अहोम (विलुप्त), तुरुंग (विलुप्त) भी बोली जाती हैं।
बिहार की राजभाषा हिंदी है, लेकिन भोजपुरी, मगधी (हिंदी बोलियां), मैथिली, उर्दू, बंगाली, संथाली, मगही अंगिका, बज्जिका और सुरजापुरी भी प्रमुख भाषाएं हैं।
छत्तीसगढ़ में हिंदी (छत्तीसगढ़ी बोली) राजभाषा है, लेकिन उड़िया, बंगाली, तेलुगु, मराठी, बघेली, हल्बी, भत्री, सरगुजिया, गोंडी, सादरी और कुरुख भी बोली जाती हैं।
जबकि गोवा में कोंकणी मुख्य भाषा है, मराठी, हिंदी, कन्नड़, उर्दू और पुर्तगाली भी प्रमुख भाषाएँ हैं।
गुजरात में गुजराती राजभाषा है, लेकिन हिंदी, सिंधी, मराठी, उर्दू और मारवाड़ी भी बोली जाती हैं।
हरियाणा की राजभाषा हिंदी है, लेकिन हरियाणवी, मेवाती (हिंदी बोलियां), पंजाबी, उर्दू, बंगाली और मैथिली भी प्रमुख भाषाएँ हैं।
हिमाचल प्रदेश में हिंदी राजभाषा है, लेकिन पंजाबी, नेपाली, डोगरी, कश्मीरी, भटियाली, चंबली, चुराही, गद्दी, हिंदूरी, कांगड़ी, कुल्लू, महासू पहाड़ी, मांडली, पहाड़ी किन्नौरी, पंगवाली, सिरमौरी, चिनाली और लाहुली लोहार भी प्रमुख भाषाएं हैं।
झारखंड की राजभाषा हिंदी है, लेकिन भोजपुरी, मगही, नागपुरी (हिंदी बोलियां), बंगाली, उर्दू, उड़िया, नागपुरी, खोरठा, कुर्माली, अंगिका, भूमिज, हो, खरिया, कुरुख, खोरथा, मैथिली, मुंडारी और संथाली भी प्रमुख भाषाएं हैं।
कर्नाटक में कन्नड़ राजभाषा है, लेकिन उर्दू, तेलुगु, तमिल, मराठी, तुलु, लम्बाडी, हिंदी, कोंकणी, मलयालम, कोडवा, बेरी, हक्की, पिक्की और सिद्दी भी प्रमुख भाषाएं हैं।
केरल की राजभाषा मलयालम है, लेकिन तमिल, तुलु, कन्नड़ और कोंकणी भी प्रमुख भाषाएं हैं।
मध्य प्रदेश में हिंदी राजभाषा है, लेकिन बुंदेली, बघेली, गोंडी, मराठी, उर्दू, सिंधी, गुजराती, कोरकू, मुंडा, मालवी, निमाड़ी और भीली भी प्रमुख भाषाएं हैं।
महाराष्ट्र में मराठी राजभाषा है, लेकिन हिंदी, गुजराती, उर्दू, खानदेशी, लंबाड़ी, भीली, तेलुगु, तमिल, कोंकणी, कन्नड़, सिंधी, बंगाली और तुलु भी प्रमुख भाषाएं हैं।
मणिपुर की राजभाषा मणिपुरी है, लेकिन नेपाली, हिंदी, बंगाली, अंग्रेजी, लुसाई, हमार, पैते, थडौ, तांगखुल, विष्णुप्रिया मणिपुरी और कुकी भी प्रमुख भाषाएं हैं।
मेघालय में अंग्रेजी राजभाषा है, लेकिन खासी, गारो, बंगाली, नेपाली, हिंदी, पनार, वार, हाजोंग और असमिया भी प्रमुख भाषाएं हैं।
मिजोरम में मिजो, अंग्रेजी और हिंदी राजभाषाएं हैं, लेकिन वहां मणिपुरी, चकमा, मारा, त्रिपुरी, पावी, पैते, हमार और बंगाली भी प्रमुख भाषाएं हैं।
नागालैंड में अंग्रेजी राजभाषा है, लेकिन कोन्याक, अंगामी, सेमा, लोथा, आओ, छोकरी, संगतम, बंगाली, ज़ेमे, यिमखियंग्रु, चांग, खियमनिउंगन, रेंगमा, फोम, खेजा, पोचुरी, कुकी, चखेसंग, असमिया, बोडो और मणिपुरी भी प्रमुख भाषाएं हैं।
ओडिशा में ओडिया राजभाषा है, लेकिन बंगाली, तेलुगु, हिंदी, संथाली, कुई, उर्दू, मुंदरी और हो भी प्रमुख भाषाएं हैं।
पंजाब की राजभाषा पंजाबी है, लेकिन हिंदी, डोगरी, कांगड़ी और बागरी भी प्रमुख भाषाएं हैं।
राजस्थान में हिंदी राजभाषा है, लेकिन राजस्थानी हिंदी, मारवाड़ी, गुजराती, पंजाबी, संस्कृत, सिंधी, उर्दू, मेवाड़ी, वागड़ी, हरौती, धुंधारी, ब्रजभाषा और बागड़ी भी प्रमुख भाषाएं हैं।
सिक्किम में अंग्रेजी राजभाषा है, लेकिन भूटिया, हिंदी, नेपाली, लेपचा, लिम्बु, सिक्किमी, गुरुंग, मगर, मुखिया, नेवार, राय, शेरपा, तमांग सिक्किमी (भूटिया), जोंगखा, ग्रोमा, माझी, मझवार, थुलुंग, तिब्बती, बंगाली और भोजपुरी भी प्रमुख भाषाएं हैं।
तमिलनाडु में तमिल राजभाषा है, लेकिन तेलुगु, कन्नड़, उर्दू, मलयालम, एरावल्ला, कादर और मुदुवर भी प्रमुख भाषाएं हैं।
तेलंगाना में तेलुगु राजभाषा है, लेकिन उर्दू, मराठी, कन्नड़, हिंदी, लबंकी या बंजारी, गोंडी, कोलामी और कोया भी प्रमुख भाषाएं हैं।
त्रिपुरा में बंगाली, अंग्रेजी और कोकबोरोक राजभाषाएं हैं, लेकिन मणिपुरी, मोग, ओडिया, बिष्णुप्रिया, हलम, गारो और चकमा भी प्रमुख भाषाएं हैं।
उत्तर प्रदेश में हिंदी और उर्दू राजभाषाएं हैं, लेकिन अवधी, ब्रजभाषा, भोजपुरी, बुंदेलखंडी और अंग्रेजी भी प्रमुख भाषाएं हैं।
उत्तराखंड में हिंदी राजभाषा है, लेकिन गढ़वाली, कुमाऊंनी, उर्दू, पंजाबी, बंगाली, जौनसारी, नेपाली और भोजपुरी भी प्रमुख भाषाएं हैं।
पश्चिम बंगाल में बंगाली राजभाषा है, लेकिन हिंदी, संथाली, उर्दू, नेपाली, तेलुगु, कामतापुरी, कुर्माली, राजबंशी और उड़िया भी प्रमुख भाषाएं हैं।
केंद्र शासित प्रदेशों की बात करें तो:
अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में हिंदी और अंग्रेजी आधिकारिक भाषाएं हैं, लेकिन बंगाली, तमिल, तेलुगु, निकोबारी, मलयालम, सदरी, कुरुख, मुंडारी और खारिया भी प्रमुख भाषाएं हैं।
चंडीगढ़ में अंग्रेजी आधिकारिक भाषा है, लेकिन पंजाबी और उर्दू भी प्रमुख भाषाएं हैं।
दादरा और नगर हवेली, दमन और दीव में गुजराती, कोंकणी, मराठी और हिंदी आधिकारिक भाषाएं हैं।
दिल्ली में हिंदी, अंग्रेजी, पंजाबी और उर्दू आधिकारिक भाषाएं हैं।
लक्षद्वीप में मलयालम आधिकारिक भाषा है, लेकिन धिवेही और जेसेरी (द्वीप भाषाएं) भी प्रमुख हैं।
जम्मू और कश्मीर में कश्मीरी, डोगरी, हिंदी, उर्दू और अंग्रेजी आधिकारिक भाषाएं हैं।
लद्दाख में लद्दाखी, पुर्गी, हिंदी और अंग्रेजी आधिकारिक भाषाएं हैं, लेकिन पुरखी, शिना, बलती और तिब्बती भी प्रमुख हैं।
पुडुचेरी में तमिल, फ्रेंच और अंग्रेजी आधिकारिक भाषाएं हैं।
इस तरह, भारत की भाषाई विविधता बेहद समृद्ध है। देश के विभिन्न राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में एक से अधिक प्रमुख भाषाएं बोली और समझी जाती हैं।
यह विविधता देश की सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक है और इसे बनाए रखना महत्वपूर्ण है। इसलिए, सरकार और निजी संगठन प्रयास कर रहे हैं कि इन भाषाओं को संरक्षित और बढ़ावा दिया जाए।
उदाहरण के लिए, भारत सरकार ने पिछले कुछ वर्षों में कई योजनाएं शुरू की हैं जैसे – भाषा संरक्षण योजना, भारत भाषा सम्मेलन आदि। इनका उद्देश्य प्रमुख भाषाओं को बढ़ावा देना और छोटी भाषाओं का संरक्षण करना है।
कई गैर-सरकारी संगठन भी इस दिशा में काम कर रहे हैं। वे स्थानीय भाषाओं के लिए पाठ्यपुस्तकें और अन्य सामग्री विकसित कर रहे हैं। साथ ही, भाषाई पर्यटन को भी बढ़ावा दिया जा रहा है।
हालांकि, आज भी कई छोटी भाषाएं विलुप्त होने की कगार पर हैं। इसलिए सरकार, निजी संगठनों और आम लोगों को मिलकर इन भाषाओं के संरक्षण के लिए और प्रयास करने होंगे। भविष्य की पीढ़ियों को भी इस विरासत को आगे बढ़ाना होगा।